अब UNDP में चुना गया भारत का गर्व टायलेट, Dubai में मिल चुका है मोहम्मद बिन राशिद अवार्ड
देश भर में 262 स्थानों पर लगाए गए 1900 हाईटेक टायलेट स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं। आइआइटी में बने टायलेट में महिलाओं के लिए बेबी फीडिंग रूम व सेनेटरी पैड डिस्पोजल मशीन की भी व्यवस्था दी गई है।
कानपुर, जेएनएन। आइआइटी के इंक्यूबेशन सेंटर में बनाए गए गर्व टायलेट को यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) के लिए चुना गया है। पूरी दुनिया से महज चार कंपनियों को वेस्ट मैनेजमेंट प्रोग्राम के तहत चयनित किया गया है। इसमें आधुनिक टायलेट की श्रेणी में सिर्फ पिंक टायलेट को अवसर दिया गया है। बैक्टीरिया और वायरस का खात्मा करने के साथ 50 फीसद पानी बचाने वाले 1900 गर्व टायलेट देश भर में 262 स्थानों पर लगाए गए हैं। इनमें सात सौ पिंक टायलेट हैं, जो महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।
स्विटजरलैंड के जिनेवा में मयंक करेंगे प्रदर्शन
स्विटजरलैंड के जिनेवा शहर में नवंबर में होने वाले कार्यक्रम में दुनिया भर के निवेशकों के बीच गर्व टायलेट बनाने वाले मयंक अपने इस उत्पाद का प्रस्तुतीकरण करेंगे। पिंक गर्व टायलेट में स्वच्छता के हाईटेक इंतजाम हैं। इसके अलावा सामान्य गर्व टायलेट में अल्ट्रा वायलेट (यूवी लाइट) लगाई गई है, जो वायरस व बैक्टीरिया का खात्मा करती है। इसमें बायो डायजेस्टर भी लगाया गया है, जो विशेष बैक्टीरिया की मदद से अपशिष्ट को पानी में बदल देता है। इससे फ्लश के लिए इसी पानी का इस्तेमाल किया जाता है।
आइआइटी में बना ग्रीन टायलेट
आइआइटी में बने इस ग्रीन टायलेट को 2018 में यूनीलिवर की ओर से यंग एंटरप्रेन्योर अवार्ड व 2019 में दुबई में मोहम्मद बिन राशिद अवार्ड से नवाजा जा चुका है। मयंक बताते हैं कि अलीगढ़, मथुरा, वृंदावन, जौनपुर, बरेली, प्रयागराज, बागपत, सोनभद्र व गोरखपुर समेत 12 जिलों में गर्व टायलेट लगाए गए हैं। सिर्फ उत्तर प्रदेश में 600 टायलेट हैं, जबकि 300 का आर्डर और दिया गया है। अब जो टायलेट लगाए जाएंगे, उसमें महिलाओं के लिए 50 फीसद पिंक टायलेट होंगे।