निगमीकरण की दिशा में रक्षा मंत्रालय का बड़ा कदम, आर्डनेंस फैक्ट्रियों में तीन सीएमडी और एचआर डायरेक्टर
रक्षा मंत्रालय ने आयुध निर्माणी की पांच फैक्ट्रियों का नियंत्रण सीएमडी और फाइनेंस डायरेक्टर के हाथ में देते हुए नियुक्ति की है। अब कारपोरेशन के अंतर्गत आर्डनेंस फैक्ट्रियां कार्य करेंगी और डिफेंस प्रोडक्शन यूनिट के निर्देशन पर संचालन होगा।
कानपुर, जेएनएन। शहर में स्थापित रक्षा प्रतिष्ठानों का नियंत्रण अब मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के हाथ में होगा। स्माल आर्म्स फैक्ट्री, फील्ड गन फैक्ट्री, आर्डनेंस फैक्ट्री कानपुर, पैराशूट आर्डनेंस फैक्ट्री व आर्डनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री के लिए रक्षा मंत्रालय ने तीन सीएमडी की नियुक्ति कर दी है। सीएमडी के अलावा एचआर डायरेक्टर व फाइनेंस डायेक्टर के पद पर भी चयन किया गया है। आर्डनेंस फैक्ट्रियां अब कारपोरेशन के अंतर्गत कार्य करेंगी। इनका संचालन डिफेंस प्रोडक्शन यूनिट के निर्देशन पर होगा।
आर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड कोलकाता के सदस्य संतोष कुमार सिन्हा को ट्रुप कंफर्ट आइटम्स का सीएमडी नियुक्त किया गया है। यह आर्डनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री के सर्वेसर्वा होंगे। इसके अलावा बोर्ड के एक अन्य सदस्य वीके तिवारी को सीएमडी पैराशूट फैक्ट्री कानपुर बनाया गया है। वरिष्ठ अधिकारी रहे राजेश चौधरी को वीपेंस एंड इक्विपमेंट कारपोरेशन का सीएमडी चयनित किया गया है। इनके अंतर्गत स्माल आम्र्स फैक्ट्री, फील्ड गन फैक्ट्री व आर्डनेंस फैक्ट्री कानपुर आएंगी। सीएमडी के अलावा कारपोरेशन के फाइनेंस डायरेक्टर भी रक्षा मंत्रालय ने नियुक्त कर दिए हैं। संजीव कुमार सक्सेना को ट्रुप कंफर्ट आइटम्स, सुरेंद्र धापोदकर को पैराशूट और नवीन कुलश्रेष्ठ को वीपेंस एंड इक्विपमेंट कारपोरेशन का फाइनेंस डायरेक्टर बनाया गया है।
इनके अलावा मेजर जनरल रवि आर पाटिल को ट्रुप कंफर्ट आइटम्स का डायेक्टर एचआर नियुक्त किया गया है। वहीं, अनुपमा त्रिपाठी वीपेंस एंड इक्विपमेंट की डायरेक्टर एचआर बनाई गई हैं। पैराशूट के डायरेक्टर आपरेशन एंड एचआर सुनील दाती बने हैं। अतुल गुप्ता को ट्रुप कंफर्ट आइटम्स का डायरेक्टर आपरेशन बनाया गया है। इसी तरह वीपेंस एंड इक्विपमेंट के डायरेक्टर आपरेशन एके मौर्या बनाए गए हैं। रक्षा मंत्रालय ने इनकी नियुक्ति करके पद के अनुरूप कार्य को गति देने के आदेश दिए हैं। शहर में पांच आर्डनेंस फैक्ट्री हैं, जिनमें 14 हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें सेना के लिए छोटे और बड़े हथियार, पैराशूट व अन्य सैन्य उपकरण बनाए जाते हैं।