एक लाख लोगों को मिलेगा रोजगार, केंद्र सरकार ने दी आगरा और प्रयागराज में औद्योगिक क्लस्टर को मंजूरी
नेशनल इंडस्ट्रियल कारिडोर डेवलपमेंट एंड इंप्लीमेंटेशन ट्रस्ट ने आगरा और प्रयागराज में प्रस्तावित औद्योगिक क्लस्टर को हरी झंडी दे दी है । इसके लिए उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने प्रस्ताव भेजा था जल्द ही वित्तीय मदद मिलेगी।
कानपुर, जेएनएन। आगरा और प्रयागराज में अमृतसर-कोलकाता डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर से संबद्ध दो इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाए जाएंगे। उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार से इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई है। इसके लिए केंद्र सरकार से वित्तीय मदद मिलेगी। प्राधिकरण अब उनके विकास में नोडल एजेंसी की भूमिका में काम करेगा। आगरा में 1,050 एकड़ में यह क्लस्टर बनेगा, जबकि प्रयागराज के नैनी में स्थापित की जा रही सरस्वती हाईटेक सिटी को ही इस क्लस्टर का दर्जा दिया गया है। यह सिटी 1,139 एकड़ में बस रही है।
अमृतसर से कोलकाता तक फ्रेट कारिडोर की स्थापना की जा रही है। इस कारिडोर से 40 किलोमीटर के दायरे में क्लस्टर बनाने की योजना है। पहले कानपुर के भाऊपुर में यह क्लस्टर स्थापित होना था, लेकिन किसानों ने सात से आठ गुना मुआवजे की मांग की, जिससे यहां के प्रस्ताव को रद कर दिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर प्राधिकरण के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने सरस्वती हाईटेक सिटी और आगरा में थीम पार्क के लिए ली गई भूमि पर यह क्लस्टर स्थापित करने के लिए भारत सरकार की संस्था नेशनल इंडस्ट्रियल कारिडोर डेवलपमेंट एंड इंप्लीमेंटेशन ट्रस्ट को प्रस्ताव भेजा था।
डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के परीक्षण के बाद ट्रस्ट ने इसे मंजूरी दे दी है। दोनों सिटी में आवासीय सेक्टर के साथ ही औद्योगिक, व्यावसायिक और संस्थागत सेक्टर होंगे। प्राधिकरण का अनुमान है कि दोनों क्लस्टर में 15 हजार करोड़ से अधिक का निवेश आएगा। एक लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। सिटी का विकास स्पेशल परपज व्हीकल का गठन कर किया जाएगा। सरस्वती सिटी का विकास हो रहा है, लेकिन वहां भविष्य में विकास के लिए फिर से कंसलटेंट की नियुक्ति की जाएगी। आगरा के लिए भी कंसलटेंट होगा जो मास्टर प्लान तैयार करेगा।
-दो क्लस्टर मंजूर होना प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है। इनके विकास से बड़े पैमाने पर उद्योग लगेंगे और रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कंसलटेंट नामित किए जाएंगे, जो मास्टर प्लान बनाएंगे। -मयूर माहेश्वरी, सीईओ, यूपीसीडा