जानिए- कौन हैं फर्रुखाबाद की कलश कुमाारी, जिन्हें 41 वर्ष बाद मिलेगी स्पेशल फैमिली पेंशन
इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट के जोनल कोआर्डिनेटर रिटायर्ड सूबेदार डीएस यादव ने बताया कि पांच वर्ष पहले आर्मी कैंटीन में तंगहाल अवस्था में कलश कुमारी मिली थीं। जब प्रकरण की जानकारी हुई तो उन्होंने अधिवक्ताओं के जरिए सशस्त्र बल अधिकरण की लखनऊ बेंच में वाद दायर किया था।
फर्रुखाबाद, जेएनएन। पीटी परेड के दौरान सैनिक की मौत के बाद उसकी पत्नी को महज 12500 रुपये सामान्य पेंशन के रूप में मिल रहे थे। महंगाई के इस दौर में विधवा बेटी के दो बच्चों समेत खुद का खर्च चलाना मुश्किल था। काफी कानूनी लड़ाई के बाद अब विशेष परिवार पेंशन मिलेगी। इससे उनके परिवार के दिन बहुरेंगे। हालांकि अभी उन्हें आदेश नहीं मिला है।
शहर के लाल दरवाजे मोहल्ला निवासी सेना के दिवंगत सैनिक जगदीश श्रीवास्तव की 65 वर्षीय पत्नी कलश कुमारी उर्फ कैलाश कुमारी मंगलवार को विधवा बेटी शोभा की ससुराल दिल्ली गई हुई थीं। फोन पर उन्होंने बताया कि उनके पति सेना की आर्टिलरी में गनर थे। 27 अक्टूबर 1980 को पीटी परेड के दौरान हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थी। कानूनी पेचों से अनजान कैलाश कुमारी की 1982 में सामान्य पेंशन शुरू कर दी गई। धीरे-धीरे महंगाई बढ़ी, लेकिन उनकी पेंशन महज 12500 रुपये ही थी। ऐसे में परिवार चलाने में दिक्कत हो रही थी। जगदीश की मौत के वक्त कैलाश कुमारी बड़ी पुत्री शोभा पांच वर्ष तो छोटी संगीता दो वर्ष की थी। किसी तरह से बच्चियों की परवरिश की। अपने भतीजे कुलदीप को गोद ले लिया, लेकिन वह भी मजबूत सहारा नहीं बन सका। कुलदीप पेंटर है। पुत्रियों शोभा और संगीता का विवाह कर दिया। कोरोना की चपेट में आकर शोभा के पति सर्वेश कुमार भी काल के गाल में समा गए। ससुरालीजन ने सहारा नहीं दिया तो शोभा भी अपने दो बच्चों को लेकर मां के साथ रहने लगी। कैलाश कुमारी ने बताया कि उनका मुकदमा लखनऊ में चल रहा था, क्या फैसला हुआ है, उसकी जानकारी नहीं है। जब वह दिल्ली से लौटेंगी, तब जानकारी करेंगी।
पांच वर्ष पहले परेशान हाल में मिली थी कलश कुमारी: इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट के जोनल कोआर्डिनेटर रिटायर्ड सूबेदार डीएस यादव ने बताया कि पांच वर्ष पहले आर्मी कैंटीन में तंगहाल अवस्था में कलश कुमारी मिली थीं। जब प्रकरण की जानकारी हुई तो उन्होंने अधिवक्ताओं के जरिए सशस्त्र बल अधिकरण की लखनऊ बेंच में वाद दायर किया था। उस पर फैसला कलश कुमारी के पक्ष में आया है। कलश कुमारी के पति जगदीश जम्मू के सुंदरबनी में तैनात थे। विशेष परिवार पेंशन का लाभ मिलने से कलश कुमारी के गर्दिश के दिन खत्म हो जाएंगे।
मायके में ही किया बेटियों का पालन पोषण: कलश कुमारी का फर्रुखाबाद में मायका है। उनके पति जगदीश एटा जिले के थाना जैथरा क्षेत्र के गांव मोहन नगला निवासी थे। पति की मौत के बाद कलश कुमारी मायके में ही रहने लगीं। यहीं पर लाल दरवाजे पर मकान बना लिया था।