अब Made In India होगा पृथ्वी और अग्नि मिसाइल का ईंधन, कम खर्च में और बढ़ाएगा रफ्तार

कोरोना काल में मिनरल आयल कारपोरेशन और रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान DMSRDE ने मिलकर देसी ईंधन तैयार किया है जिसे परीक्षण के लिए सेना के पास भेज दिया गया है। ईंधन को मिसाइलों में इस्तेमाल करके परीक्षण किया जाएगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 07:10 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 08:15 AM (IST)
अब Made In India होगा पृथ्वी और अग्नि मिसाइल का ईंधन, कम खर्च में और बढ़ाएगा रफ्तार
मिसाइलों में देसी ईंधन के इस्तेमाल की तैयारी।

कानपुर, [विक्सन सिक्रोडिय़ा]। अब पृथ्वी, अग्नि, सूर्या, शौर्य, प्रहार व ब्रह्मोस समेत देश के सुरक्षा चक्र को मजबूती देने वाली अन्य मिसाइलों Missiles का ईंधन Made In India यानी देसी होगा। इससे मिसाइल की न सिर्फ रफ्तार बढ़ेगी, बल्कि औसत खर्च होने वाले ईंधन में भी 20 से 25 फीसद की बचत होगी। कम ईंधन में मिसाइल अधिक दूर तक मार कर सकेगी। इस स्वदेशी ईंधन को मिनरल आयल कारपोरेशन ने रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (डीएमएसआरडीई) के साथ मिलकर तैयार किया है। कोरोना काल में तैयार किए गए इस ईंधन को परीक्षण के लिए सेना Indian Army के पास भेजा गया है।

मिसाइल भेजने के लिए बनाए गए ईंधन की खासियत ये है कि यह अधिक देर तक जलता है। शुरुआती परीक्षण में इसे बेहतर पाया गया है। अब मिसाइलों में इस्तेमाल के लिए इसका परीक्षण किया जा रहा है। शहर के उद्यमी व स्वदेशी ईंधन पर काम करने वाले मिनरल आयल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक विकास चंद्र अग्रवाल ने बताया कि मिसाइल का ईंधन अभी तक विदेश से आता है। कोरोना काल में करीब एक वर्ष के शोध के बाद उन्होंने मिसाइल का ईंधन बनाया है। एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेङ्क्षस्टग एंड कैलीब्रेशन लेबोरेट्रीज (एनएबीएल) में इसका सफल परीक्षण किया जा चुका है। अब उच्च स्तरीय परीक्षण के लिए सेना को भेजा गया है। वहां से स्वीकृति मिलते ही मिसाइलों में इसका इस्तेमाल किया जाने लगेगा। यह ईंधन के साथ बूस्टर भी है, जो मिसाइल को रफ्तार देने का भी काम करेगा।

फाइटर प्लेन के लिए बना रहे ग्रीस

उद्यमी विकास चंद्र अग्रवाल ने बताया, वह पिछले वर्ष से वायुसेना को फाइटर प्लेन के लिए ग्रीस भी दे रहे हैं। पिछले 25 वर्षों से वायु सेना के लड़ाकू विमानों के लिए ग्रीस बना रहे हैं। इसका इस्तेमाल लड़ाकू विमानों के कलपुर्जों में किया जाता है। इसमें सिएटम-221 व नंबर-9 ग्रीस मुख्य रूप से शामिल है। इसके अलावा ओएक्स-52 ऑयल, पीएक्स-6 आयल व पीएक्स-11 जेल भी वह सेना को दे रहे हैं। इसके अलावा आटोमेटिक गन के पुर्जों के लिए भी उन्होंने आयल व जेल बनाया है, जिसे सेना इस्तेमाल कर रही है।

chat bot
आपका साथी