एलआइसी के आइपीओ और बीमा क्षेत्र में एफडीआइ बढ़ाने का विरोध, किया जाएगा चरणबद्ध आंदोलन

एलआई में एफडीआई को 74 फीसद तक करने से मालिकाना हक ही विदेशी कंपनियों के हाथ में चला जाएगा। इसे रोकने के लिये आंदोलन किया जाएगा। चरणबद्ध आंदोलन के क्रम में कर्मचारी देश के सभी सांसदों से मिलकर उन्हें ज्ञापन देंगी।

By Sarash BajpaiEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 04:21 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 04:21 PM (IST)
एलआइसी के आइपीओ और बीमा क्षेत्र में एफडीआइ बढ़ाने का विरोध, किया जाएगा चरणबद्ध आंदोलन
बीमा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाने के खिलाफ किय जाएगा आंदोलन।

कानपुर, जेएनएन। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) की वित्तीय स्थिति मजबूत है। फिलहाल पैसे जुटाने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार सोची-समझी रणनीति के तहत आइपीओ लाना चाह रही है, ताकि लाभ के इस संस्थान को भी निजी हाथों में बेचा जा सके। बीमा क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश (एफडीआइ) बढ़ा कर 74 फीसद करने से मालिकाना हक ही विदेशी कंपनियों के हाथ में चला जाएगा। सरकार के दोनों निर्णय का विरोध किया जा रहा है। इसके लिए चरणबद्ध आंदोलन चलाया जाएगा। यह बातें गुरुवार को नार्थ सेंट्रल जोन इंश्योरेंस इम्प्लाइज फेडरेशन के महामंत्री राजीव निगम ने माल रोड स्थित एलआइसी बिल्डिंग के मंडलीय कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहीं।

उन्होंने बताया कि आंदोलन के पहले चरण में देशभर के सभी सांसदों को विरोध स्वरूप मिलकर ज्ञापन दिया जाएगा। उसके बाद कर्मचारियों को हकीकत से रूबरू कराने के लिए सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। मानव श्रृंखला बनाकर एवं आमजन के बीच जाकर पर्चा वितरण किया जाएगा। जनता को विदेशी पूंजी निवेश की हकीकत भी बताई जाएगी। उसके बाद 18 मार्च को देशव्यापी हड़ताल की जाएगी। इस दौरान राकेश कनौजिया, अमित मिश्रा, धीरज द्विवेदी, संजय श्रीवास्तव, मनोज कुमार और मनीष श्रीवास्तव मौजूद रहे।

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