Income Tax Raid: कानपुर में फर्जी कंपनियों के समूह पर आयकर का छापा, कारोबारियों को जारी करते थे फेक इनवाइस

Income Tax Raid in Kanpur आयकर विभाग को जीएसटी के जरिए जानकारी मिली थी कि रिच ग्रुप आफ कंपनी फर्जी इनवाइस जारी कर रही है। जो माल कहीं खरीदा व बेचा भी नहीं जा रहा उनके लिए कंपनी के कर्ताधर्ता इनवाइस जारी कर रहे हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 03:55 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 03:55 PM (IST)
Income Tax Raid: कानपुर में फर्जी कंपनियों के समूह पर आयकर का छापा, कारोबारियों को जारी करते थे फेक इनवाइस
कानपुर में आयकर विभाग के छापे की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। Income Tax Raid in Kanpur कारोबारियों को फर्जी इनवाइस जारी करने वाली कंपनियों पर आयकर विभाग ने छापा मारा है। इसमें कंपनियों के मालिकों के घर, आफिस, उनके साथियों के घरों पर पड़ताल हो रही है। शहर के रतनलाल नगर, स्वरूप नगर, पटकापुर व माहेश्वरी मोहाल के साथ ही दिल्ली के ठिकानों पर भी टीमें जांच में जुटी हैं। आयकर अधिकारियों को कंपनियों के कंप्यूटर सिस्टम से बहुत सारी इनवाइस मिली हैं। छापे में कानपुर के अलावा दिल्ली और मुंबई के अधिकारी भी शामिल हैं, क्योंकि इनवाइस के जरिए इन जगहों पर भी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) क्लेम लिया गया है। 

आयकर विभाग को जीएसटी के जरिए जानकारी मिली थी कि रिच ग्रुप आफ कंपनी फर्जी इनवाइस जारी कर रही है। जो माल कहीं खरीदा व बेचा भी नहीं जा रहा, उनके लिए कंपनी के कर्ताधर्ता इनवाइस जारी कर रहे हैं। आयकर अधिकारियों के मुताबिक कंपनी में तीन भाई शाश्वत अग्रवाल, तत्वेश अग्रवाल, आशेष अग्रवाल हैं। ये किसी भी कमोडिटी की बिक्री के लिए इनवाइस बेचते भी हैं और फर्जी इनवाइस जारी कर आइटीसी पास भी करते हैं। छापे के दौरान पाया गया कि 15 और कंपनियां भी इस नेटवर्क में जुड़ी हुई हैं। ये सभी फर्जी हैं और एक दूसरे को इनवाइस जारी कर आइटीसी को आगे बढ़ाने का काम करती हैं। आयकर अधिकारियों का मानना है कि ये सभी कंपनियां भी इन भाइयों ने ही बनाई हैं। इन सभी के कार्यालय भी कानपुर में ही हैं। इसके अलावा दिल्ली में एक कंपनी पर भी छापा मारा गया है, जहां दिल्ली की टीम जांच कर रही है।

इनमें से कुछ कंपनियां जीएसटी के दौरान पंजीकृत की गई हैं। कुछ कंपनियां वैट के समय से ही पंजीकृत कंपनी के रूप मेें कार्य कर रही हैं। ये कंपनियां किसी भी कमोडिटी के लिए रुपये लेकर इनवाइस जारी करती हैं। आयकर अधिकारियों ने कंपनी के सभी कंप्यूटर सिस्टम और उसका डाटा अपने कब्जे में ले लिया है। इसके साथ ही सभी इनवाइस की हार्ड कापी भी निकाली जा रही है।  

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