कोरोना संकट के दौरान टैक्स चुकाने में अव्वल रहे कानपुर के व्यापारी, जानिए - जिलेवार आंकड़े
एक साथ मिलाकर देखा जाए तो कानपुर टॉप फाइव में है। कानपुर के दोनों जोन ने मिलकर 235.43 करोड़ रुपये का संग्रह किया है। जो चौथे नंबर पर है। इस मामले में लखनऊ 745.39 करोड़ रुपये संग्रह के साथ पहले स्थान पर है।
कानपुर, जेएनएन। अप्रैल में सभी ने देखा कि कानपुर कि कानपुर किन विषम परिस्थितियों से जूझ रहा था। उस समय व्यापारी बाजार बंद करने की मांग कर रहे थे। हजारों की संख्या में लोग संक्रमित हुए और सैकड़ों लोगों का निधन भी हुआ। अप्रैल के अंतिम दिनों में तो यह स्थिति थी कि लोगों को अस्पताल तक नहीं मिल पा रहे थे। इसके बाद भी अप्रैल माह के कारोबार का टैक्स चुकाने में कानपुर के कारोबारी पीछे नहीं रहे।
अप्रैल के कारोबार का टैक्स वाणिज्य कर विभाग को मई में चुकाया गया। इसमें गौतमबुद्ध नगर ने पहला स्थान हासिल किया। लखनऊ के दोनों जोन दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे। वहीं गाजियाबाद के दोनों जोन चौथे और पांचवें स्थान पर रहे। कानपुर के जोन एक को इसमें छठा स्थान मिला और कानपुर के जोन द्वितीय को 20 जोन में 12वां स्थान मिला।
इन्हें एक साथ मिलाकर देखा जाए तो कानपुर टॉप फाइव में है। कानपुर के दोनों जोन ने मिलकर 235.43 करोड़ रुपये का संग्रह किया है। जो चौथे नंबर पर है। इस मामले में लखनऊ 745.39 करोड़ रुपये संग्रह के साथ पहले स्थान पर है। गाजियाबाद 406.22 करोड़ के साथ दूसरे और गौतमबुद्ध नगर तीसरे स्थान पर है।
सबसे ज्यादा कर संग्रह करने वाले जोन (राशि करोड़ में)
जोन लक्ष्य संग्रह
गौतमबुद्ध नगर 597.66 401.18
लखनऊ प्रथम 563.48 375.32
लखनऊ द्वितीय 346.58 370.07
गाजियाबाद द्वितीय 360.57 216.87
गाजियाबाद प्रथम 386.36 189.35
कानपुर प्रथम 328.51 164.69
प्रयागराज 193.99 145.61
आगरा 195.74 87.03
वाराणसी द्वितीय 149.48 82.85
अलीगढ़ 141.97 78.53
वाराणसी प्रथम 166.68 74.95
कानपुर द्वितीय 194.01 70.74
इनका ये है कहना:
अप्रैल में व्यापार की स्थिति अच्छी ना होने के बाद भी सहालग की वजह से काफी कारोबार हुआ और कारोबारियों ने उस माह का टैक्स भी चुकाया। हालांकि लक्ष्य के मुकाबले यह कम रहा लेकिन हालात को देखते हुए व्यापारियों ने काफी सहयोग किया। - पीके सिंह, एडीशनल कमिश्नर ग्रेड वन जोन वन।