आयकर विभाग ने की 13 मुखौटा कंपनियों के पंजीयन निरस्त करने की संस्तुति, तीन अधिकारियों को भेजा पत्र

बुधवार को आयकर विभाग ने सुरेंद्र नाथ शिवहरे की कामधेनु कैटलफीड प्राइवेट लिमिटेड समेत तीन कंपनियों पर छापा मारा था। यूपी दिल्ली कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को लिखे पत्र। पशु आहार बनाने वाली कंपनियों को दिया था 121 करोड़ का ऋण।

By ShaswatgEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 07:06 AM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 07:06 AM (IST)
आयकर विभाग ने की 13 मुखौटा कंपनियों के पंजीयन निरस्त करने की संस्तुति, तीन अधिकारियों को भेजा पत्र
62 करोड़ रुपये का ऋण जारी करने वाली कंपनी का निदेशक एक टैक्सी चालक निकला।

कानपुर, जेएनएन। पशु आहार समेत तीन कंपनियों में आयकर छापे में सामने आईं 13 मुखौटा कंपनियों के पंजीयन निरस्त करने के लिए आयकर अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली व कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से संस्तुति की है। इसके लिए तीनों अधिकारियों को पत्र लिखे गए हैं।

बुधवार को आयकर विभाग ने सुरेंद्र नाथ शिवहरे की कामधेनु कैटलफीड प्राइवेट लिमिटेड समेत तीन कंपनियों पर छापा मारा था। इस छापे में अधिकारियों ने पाया था कि कंपनियों ने अपने पास बिक्री के जरिए आई अघोषित नकदी को मुखौटा कंपनियों में लगाया और वहां से फिर उसी धन को घुमाकर अपने कारोबार में ऋण के रूप में ले आईं। साथ ही कंपनियों के संचालकों ने अपने घर बनवाने में भी इन मुखौटा कंपनियों से ऋण लेना दिखाया है। आयकर अधिकारियों ने जांच की तो ऋण देने वाली कंपनियां फर्जी निकली थीं, जो अपने रिटर्न तक दाखिल नहीं करती थीं। 

वापस ऋण के बदले में लेते हैं कमीशन 

अधिकारियों के मुताबिक ये कंपनियां कुछ लोग खोल लेते हैं और फिर किसी भी कंपनी से रुपये लेकर उन्हें वापस ऋण के रूप में दे देते हैं। इसके बदले वे कमीशन लेते हैं। इस मामले में कंपनियों ने 121 करोड़ रुपये ऋण के रूप में दिए हैं। इसमें सबसे बड़ा ऋण 62 करोड़ रुपये का था जिसकी जांच के बाद पूरी पोल खुली। खुद 62 करोड़ रुपये का ऋण जारी करने वाली कंपनी का निदेशक एक टैक्सी चालक निकला जिसके अलग-अलग 11 बैंक खाते हैं।

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