हमीरपुर: हत्या के दो अलग-अलग मामलों में दोषियों को कारावास, देना होगा जुर्माना

दोनों मामलों में विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र अनिल कुमार शुक्लने सुनाई सजा एक थाना जलालपुर व दूसरा राठ का मामला पहली घटना 26 जुलाई 2006 और दूसरी अक्टूबर 2011 की नाली को लेकर हुए विवाद व राठ कस्बे में लूट को लेकर हत्या की घटनाएं शामिल

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 07:58 PM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 07:58 PM (IST)
हमीरपुर: हत्या के दो अलग-अलग मामलों में दोषियों को कारावास, देना होगा जुर्माना
दोषियों को कारावास दिए जाने का प्रतीकात्मक चित्र

हमीरपुर, जेएनएन। दो अलग अलग थानाक्षेत्रों में हुए हत्या के मामलों में विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र अनिल कुमार शुक्ल ने दो सगे भाइयों व पिता-पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों मामलों के दोषियों पर अलग-अलग जुर्माना भी लगाया है। जलालपुर थानाक्षेत्र में नाली को लेकर हुए विवाद व राठ कस्बे में लूट को लेकर हत्या की घटनाएं शामिल हैं।

पहले मामले में सुनाई आजीवन कारावास की सजा

राठ कस्बा निवासी बद्री प्रसाद एक अक्टूबर 2011 को घर के अंदर अलमारी के पास पत्नी शांति का शव पड़ा मिला और अलमारी खुली मिली जिसमें जेवरात नहीं थे। मामले में बद्री प्रसाद द्वारा अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। बाद में उनसे मिलने आए उनके दो मित्रों ने बताया कि घटना वाले दिन दोपहर 12 बजे वह उनके घर गए थे। यहां बाहर पड़ोस का धीरेंद्र व उसके बेटे कृष्णा व जीतू मिले थे। जिनसे पूछने पर उन्होंने बाहर होने की बात बताई थी। तब बद्री प्रसाद ने धीरेंद्र, कृष्ण कुमार उर्फ कृष्णा व जितेंद्र उर्फ जीतू व धीरेंद्र की पत्नी रामश्री को नामजद कराया। पुलिस को जांच दौरान धीरेंद्र व रामश्री के पास से लूटे गए जेवरात भी बरामद हुए। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र अनिल कुमार शुक्ल ने धीरेंद्र व कृष्णा को उम्रकैद सुनाई है। साथ ही धीरेंद्र पर 5500 व कृष्णा पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं रामश्री से माल बरामदगी को लेकर दो वर्ष का कारावास व पांच सौ रुपये का जुर्माना सुनाया है।

दूसरे मामले में तीन साल की जेल और जुर्माना

जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि 26 जुलाई 2006 को दिन के एक बजे जलालपुर थानाक्षेत्र के धौहल गांव के मजरा विचौरा का डेरा में ससुराल में रह रहे कालका प्रसाद का बेटा जय सिंह मां के साथ हैंडपंप पर पानी भरने गया था। यहां लल्लू व पत्नी राधारानी से विवाद होने लगा। शोर सुनकर कालका का साला रामनरेश व लल्लू के बेटे अजयपाल व इंद्रपाल भी वहां आ गए। रामनरेश को अजयपाल व इंद्रपाल लाठी डंडों से पीटने लगे। जो रामनरेश के दरवाजे पर खड़े महाराज सिंह के सीने व चेहरे पर लगा। इसके बाद वहां मौजूद अन्य रिश्तेदार भी घर के अंदर को भागे तो अजयपाल ने दूसरा फायर कर दिया। इससे वह लोग भी चोटिल हुए और छर्रे दीवार में लगे। सिंह की हत्या के आरोप में अजयपाल व इंद्रपाल को आजीवन कारावास व आठ-आठ हजार रुपये का जुर्माना सुनाया है। वहीं दूसरे पक्ष के रामनरेश, देशराज व जयसिंह को तीन साल का कारावास व तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना सुनाया है। 

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