स्वाइन फ्लू: ऐसे तो कई जान लेगा स्वाइन फ्लू

एक भी अस्पताल इसके लिए नहीं है तैयार, न बजट मिला न टीके, आइसोलेशन वार्ड में लटक रहे ताले, लौटाए जा रहे संदिग्ध रोगी

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Feb 2019 01:42 AM (IST) Updated:Mon, 18 Feb 2019 12:32 PM (IST)
स्वाइन फ्लू: ऐसे तो कई जान लेगा स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू: ऐसे तो कई जान लेगा स्वाइन फ्लू

जागरण संवाददाता, कानपुर: शहर में स्वाइन फ्लू तेजी से पैर पसार रहा है। संदिग्ध रोगी दिन ब दिन बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन अस्पतालों की तैयारी अभी अधूरी है। स्वाइन फ्लू की आशंका होते ही मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। मरीज जानकारी के अभाव में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध एलएलआर अस्पताल (हैलट) और संक्रामक रोग अस्पताल (आइडीएच) के बीच चक्कर ही काटते रह जाते हैं। अस्पतालों में बने आइसोलेशन वार्ड महज दिखावा है। उसमें ताला लटका है। इस सीजन में अब तक एक भी रोगी भर्ती नहीं किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अस्पतालों को स्वाइन फ्लू के लिए अलग से बजट होता है। अस्पतालों के प्रभारियों का कहना है कि उन्हें अब तक किसी तरह का बजट नहीं मिला है।

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केपीएम में फिजीशियन तक नहीं

केपीएम अस्पताल में दो बेड का आइसोलेशन बनाया गया है, लेकिन वह बंद ही रहता है। यहां वेंटीलेटर की सुविधा नहीं है। अस्पताल में 2016 से इसके लिए स्पेशिलिस्ट फिजीशियन ही नहीं है। मरीजों को चेस्ट फिजीशियन देख रहे हैं। डॉक्टरों व स्टाफ को स्वाइन फ्लू के टीके नहीं लगे हैं। टेमीफ्लू का स्टॉक आ गया है। सीएमएस डॉ. ज्योति सक्सेना के मुताबिक गंभीर मरीज नहीं आ रहे हैं। अब तक स्वाइन फ्लू के लक्षण वाला कोई रोगी नहीं आया है।

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कांशीराम चिकित्सालय में वेंटीलेटर नहीं

कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय में पांच बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है, लेकिन वहां भी इंजेक्शन नहीं लगे हैं। डॉक्टर सामान्य फ्लू का इलाज करते हैं। अस्पताल में वेंटीलेटर की सुविधा नहीं है। सीएमएस डॉ. एसके पांडेय के अनुसार अस्पताल को स्वाइन फ्लू का कोई बजट नहीं मिल रहा है। वेंटीलेटर नहीं है, जिससे गंभीर रोगियों को रखने का सवाल नहीं है।

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उर्सला के आइसोलेशन वार्ड में ताला

उर्सला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भी ताला लटका रहता है। वहां पर छह बेड है, लेकिन वेंटीलेटर नहीं लग सका है। डॉक्टर व स्टाफ को स्वाइन फ्लू के टीके तक नहीं लगे हैं। संभावित रोगियों को एलएलआर के लिए रेफर किया जा रहा है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मुन्नालाल के मुताबिक अब तक एक भी रोगी नहीं आया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बजट नहीं मिला है।

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'अस्पतालों के पास स्वयं का बजट होता है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जगह टेमीफ्लू भिजवा दी हैं। इंजेक्शन भी दे दिए गए हैं।'

- डॉ. अशोक शुक्ला, सीएमओ, कानपुर

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