कानपुर में अस्पतालों के विशेषज्ञ सीएमओ के यहां संभाल रहे फाइल, 18 वर्षों से हैं तैनात

जिले में तैनात अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (एसीएमओ) की सूचना शासन ने मांगी थी। इस सीएमओ कार्यालय से 11 मई को पत्रांक संख्या 367 से सूचना भेजी गई थी। इसमें बाल रोग विशेषज्ञ डा. सुबोध प्रकाश का नाम है जो 18 वर्षों से जिले में तैनात हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 04:48 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 04:48 PM (IST)
कानपुर में अस्पतालों के विशेषज्ञ सीएमओ के यहां संभाल रहे फाइल, 18 वर्षों से हैं तैनात
कानपुर में हास्पिटल की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। जिला अस्पतालों से लेकर सीएचसी-पीएचसी में विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं, लेकिन सीएमओ कार्यालय में विशेषज्ञ बाबू बनकर फाइलों को संभाल रहे हैं। हद तो यह है कि यह डाक्टर ऊपर तक पकड़ की वजह से शासनादेश का उल्लंघन कर जिले में 10 वर्षों से अधिक समय से डटे हैं। 

जिले में तैनात अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (एसीएमओ) की सूचना शासन ने मांगी थी। इस सीएमओ कार्यालय से 11 मई को  पत्रांक संख्या 367 से  सूचना भेजी गई थी। इसमें बाल रोग विशेषज्ञ डा. सुबोध प्रकाश का नाम है, जो 18 वर्षों से जिले में तैनात हैं। जिले उनकी तैनाती चार जुलाई 2003 को हुई थी। इसी तरह नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. एसके सिंह 13 वर्षों से तैनात हैं। वहीं, एमबीबीएस चिकित्सक डा. एके कनौजिया 14 वर्षों से तैनात हैं। 

महकमे के चिकित्सकों का कहना है कि 18 वर्षों से एक ही जिले में तैनात चिकित्सक का शासन में अच्छा जुगाड़ है। उनके साथ पढ़े हुए चिकित्सक निदेशालय में तैनात हैं। उनकी वजह से हर बार वह स्थानांतरण से बच जाते हैं। जिले में उनकी धौंस दिखाकर मनमानी करते हैं। 

इनका ये है कहना: 

कोरोना को देखते हुए इस बार स्थानांतरण नीति का नियम लागू नहीं किया गया है। प्रशासनिक आधार पर कुछ चिकित्सक बाहर भेजे गए हैं। कुछ का समायोजन किया गया है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की जरूरत पडऩे पर उनका इलाज में इस्तेमाल किया जाएगा। - डा. जीके मिश्रा, अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण।

यह है नियम: कोई भी डाक्टर 10 वर्ष तक किसी एक जिले में रह सकता है। उनकी मंडल में तैनाती 15 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। 

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