महामारी के बीच कानपुर में तेजी से हो रहे अवैध निर्माण, जांच से बचने को तरकीबें निकालने में जुटे कर्मचारी
केडीए उपाध्यक्ष राकेश सिंह ने कार्यभार संभालते ही सबसे पहले बिना लेआउट के बन रही प्लाटिंग के खिलाफ अभियान शुरू कराया था। अब तक पांच अरब रुपये की जमीन खाली करा चुके हैं। तमाम बिना लेआउट के बन रहीं कालोनियों का निर्माण रुकवा दिया।
कानपुर, जेएनएन। प्रशासनिक अमला कोरोना से निपटने में क्या लगा, अवैध टाउनशिप बसाने व प्लाटिंग करने वालों की चांदी हो गई। केडीए में कई अभियंता और कर्मचारी कोरोना से जूझ रहे हैं। फील्ड में नजर न होने का लाभ बिल्डर उठा रहे हैं। न्यू कानपुर सिटी और घनी आबादी क्षेत्र में तेजी से निर्माण हो रहे हैं। पार्किंग की जांच भी ठंडे बस्ते में चली गई है। केडीए उपाध्यक्ष भी अप्रैल में सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। इसके चलते कर्मचारियों ने फाइल डंप करना शुरू कर दिया है, जिससे जांच न हो सके।
केडीए उपाध्यक्ष राकेश सिंह ने कार्यभार संभालते ही सबसे पहले बिना लेआउट के बन रही प्लाटिंग के खिलाफ अभियान शुरू कराया था। अब तक पांच अरब रुपये की जमीन खाली करा चुके हैं। तमाम बिना लेआउट के बन रहीं कालोनियों का निर्माण रुकवा दिया। होली के बाद अवैध निर्माण के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हुई थी, लेकिन कोरोना के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इस आपदा और अभियंताओं की दोस्ती का लाभ उठाकर बिल्डरों ने तेजी से निर्माण शुरू करा दिया है ताकि कार्रवाई होने से पहले लोग रहने लगें। केडीए अभियंताओं के संक्रमित होने से न्यू कानपुर सिटी और बैराज में डूब क्षेत्रों में नजर नहीं रखी जा पा रही है।
यहां पर सील इमारतें बन गईं: जवाहर नगर, 80 फीट, गोङ्क्षवद नगर, आर्य नगर, स्वरूप नगर समेत कई जगह सीली इमारतों तनकर खड़ी हो गई हैं।
बिना पार्किंग हो रहे निर्माण: सीसामऊ बाजार, पीरोड, गुमटी नंबर पांच, कौशलपुरी, काकादेव, जवाहर नगर, श्याम नगर समेत कई जगह बिना पार्किंग के निर्माण हो रहे हैं।
यहां बिना लेआउट के प्लाटिंग: गंगपुर चकबदा, बैरी अकबरपुर, लोधवाखेड़ा, लक्ष्मीपुरवा, सनिगवां, गणेशपुर समेत कई जगह बिना लेआउट के प्लाङ्क्षटग और निर्माण हो रहे हैं।
नहीं चिह्नित हो सके 40 अवैध निर्माण: डेढ़ माह में केडीए 40 अवैध निर्माण नहीं चिह्नित कर पाया है। तीन बार सूची तैयार होने के बाद फिर से बनाई जा रही है।
मंडलायुक्त के आदेश के बाद बनी कमेटी: मंडलायुक्त के आदेश के बाद बैराज में डूब क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग रोकने के लिए सात सदस्यीय कमेटी बनी है। अब कमेटी ने सर्वे शुरू किया है। अब देखना यह है कि कब तक कार्रवाई होती है।