योगाचार्य ने दिए ये हैरान करने वाले तर्क... कोरोना से हारती इम्युनिटी को योग से मिलती संजीवनी
साकेत नगर निवासी महिमा सिंह दो मई को कोरोना की चपेट में आ गई थीं। संक्रमण उनके शरीर पर हावी होने लगा। ऐसे में महिमा ने पिता वीएन सिंह की सलाह पर भगवतदास घाट स्थित योगाचार्य डा. रविंद्र पोरवाल से संपर्क किया। मार्गदर्शन में व्यायाम एवं प्राणायाम शुरू किया।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस जब शरीर पर हमला करता है तो शरीर की प्रतिरक्षण प्रणाली (इम्युनिटी) और वायरस के बीच घमासान होता है। जब इम्युनिटी कमजोर पड़ कर हारने लगती है तो वायरस शरीर को संक्रमित करने लगता है। अगर समय से संक्रमित व्यक्ति योग और आयुर्वेद की शरण में चला जाए तो उसे संजीवनी मिलनी तय है।
साकेत नगर निवासी 26 वर्षीय महिमा सिंह दो मई को कोरोना की चपेट में आ गई थीं। संक्रमण उनके शरीर पर हावी होने लगा। ऐसे में महिमा ने पिता वीएन सिंह की सलाह पर भगवतदास घाट स्थित योगाचार्य डा. रविंद्र पोरवाल से संपर्क किया। उनके मार्गदर्शन में योग, व्यायाम एवं प्राणायाम शुरू किया। योग का सहारा लेने के बाद महिमा को जैसे संजीवनी मिल गई। तेजी से उनकी सेहत में सुधार होने लगा और अब वह पूरी तरह से फिट हैं। महिमा बताती हैं कि उन्होंने संक्रमण के दौरान योग सप्तांग क्रियाएं, योगिक आसन, सूक्ष्म योग, भस्त्रिका, सूर्यभेदी प्राणायाम के साथ सूर्य नमस्कार की 12 अवस्थाओं का अभ्यास किया। इम्युनिटी और फेफड़ों के आक्सीजन अवशोषण की क्षमता बढ़ाने वाले विशेष योग का नियमित अभ्यास का लाभ पहले दिन से होने लगा। संक्रमण के बाद से जहां खांसी से बेहाल हो गए थे। योगाभ्यास से 12 घंटे में खांसी में कमी आ गई। भूख भी खुलकर लगने लगी। तेज चल रही नाड़ी तथा बढ़ी हुई श्वांस की शिकायत में भी सुधार होने लगा।
पांच दिन में निगेटिव आ गई रिपोर्ट : महिमा बताती हैं कि योग के साथ आयुर्वेदिक औषधि का सेवन लाभप्रद रहा। कोरोना के संक्रमण से बिगड़ी स्थिति में दिन प्रतिदिन सुधार होता चला गया। पांच दिन में मैं संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो गई। जब जांच कराई तो रिपोर्ट निगेटिव आ गई।
इम्युनिटी बढ़ाने के लिए योगासन, प्राणायाम और ध्यान सर्वश्रेष्ठ : महिमा का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बाद तेज बुखार आने के साथ सांस फूलने लगी थी। हृदय व नाड़ी की गति अनियंत्रित होने के साथ रात दिन खांसी आने लगी थी। भूख न लगने से कमजोरी हो गई थी। ऐसे में डा. रविंद्र पोरवाल के मार्गदर्शन में विशेष योगाभ्यास और आयुर्वेदिक औषधि के सेवन का तेजी से लाभ मिला। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए योगासन, प्राणायाम और ध्यान को सर्वश्रेष्ठ मानती हूं। इसकी वजह से शरीर में पहुंचे खतरनाक वायरस को नष्ट करने में भी मदद मिली।