असम को भी फीका कर रहा कन्नौज का स्वाद, अब खास चाय की चुस्की संग बढ़ाएं इम्युनिटी
इत्र पर शोध करने वाले सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र ने खास चाय का फार्मूला तैयार किया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी चाय का स्वाद बेहद पसंद आने पर खूब तारीफ की है। लैब में परीक्षण के बाद अब बाजार में उतारने की तैयारी है।
कन्नौज, [प्रशांत कुमार]। इत्र की सुगंध और मुंह में रखते ही घुल जाने वाले गट्टे का स्वाद तो कन्नौज अपनी छाप देश-दुनिया में छोड़ चुका है। लेकिन, इत्र नगरी की सेहतमंद चाय असम के बागानों के स्वाद को फीका कर देंगी। चाय भी ऐसी है कि यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को भी स्वाद बेहद पसंद आ चुका है और खूब तारीफ भी कर चुकी हैं। उनसे मिली सराहना के बाद इसे बाजार में लाने की तैयारी है। इत्र पर शोध करने वाले सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफएफडीसी) ने इस खास चाय का फार्मूला ढूंढा है। इसे लैब परीक्षण में पास किया जा चुका है, कोरोना संक्रमण के दौर में यह चाय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली है।
स्पाइसी लेमन ड्रिंक मिक्स टी
लैब में परीक्षण के बाद एफएफडीसी का दावा है कि 'स्पाइसी लेमन ड्रिंक मिक्सÓ नाम से तैयार इस खास पाउडर को चाय की तरह पीने से शरीर को रोगों से लडऩे की ताकत मिलती है। अगले सप्ताह तक बाजार में इसके आने की संभावना है। पाउच का लेबल प्रिंट हो चुका है। कई नामचीन कंपनियों से मार्केटिंग की बात अंतिम चरण पर है। उन्हें फार्मूला देकर पाउडर बाजार में उतारा जाएगा। सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु मंत्रालय के इस स्वायत्तशासी केंद्र में इससे पहले कोरोना की पहली लहर के दौरान सैनिटाइजर तैयार किया गया था, जिसे पूरे देश मेें पसंद किया गया था।
पाउडर में इनका मिश्रण, ये हैं फायदे
एफएफडीसी के प्रधान निदेशक शक्ति विनय शुक्ला ने बताया, लौंग, काली मिर्च, जीरा, नींबू, इलायची, दालचीनी, काला नमक, अदरक, लेमनग्रास आदि मिलाकर पाउडर बना है। तुलसी का तेल इसका स्वाद और बढ़ा देता है। जुकाम, बुखार और इन्फ्लूएंजा में तुलसी का तेल प्रभावी ढंग से राहत दिलाता है। इसमें एंटीस्पास्मोडिक (दर्द निवारक) गुण होते हैं, जो खांसी भी दूर करता है। गले में खरास पर काली मिर्च व सेंधा नमक, जुकाम में अदरक-लौंग फायदेमंद है। लेमनग्रास खुद अच्छा इम्युनिटी बूस्टर है। पहले यहां सभी लेमनग्रास की ही चाय पीते थे। उससे भी इम्युनिटी बढ़ती है।
एक माह तक शोध के बाद मिली सफलता
प्रधान निदेशक शक्ति विनय शुक्ला बताते हैं, वैज्ञानिक ज्ञानेंद्र कुमार और प्रशिक्षु वैज्ञानिक शिवम शुक्ला ने एक माह तक शोध के बाद इसे तैयार किया है। इसमें डॉक्टर पत्नी ज्योत्सना शुक्ला भी मददगार बनीं। पहले खुद फिर पत्नी ने चाय पीकर देखी। मार्च 2021 में एफएफडीसी का भ्रमण करने आईं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने चाय पी तो उन्हें खूब पसंद आई और वह कुछ पैकेट साथ ले गई थीं।