कानपुर के कृष्णापुरम में शापिंग काम्प्लेक्स की जगह तन गए अवैध मकान, अधिकारी जांच के नाम पर करते रहे खेल

प्लान में मुताबिक इस मार्केट के पास से गुजरने वाले रास्तों में भी कब्जा हो गया। इसके चलते लोगों को निकलने के लिए जूझना पड़ा। ऐसा नहीं कि लोगों ने केडीए अफसरों से शिकायत नहीं की लेकिन हर बार मामला दब गया।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 12:44 PM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 12:44 PM (IST)
कानपुर के कृष्णापुरम में शापिंग काम्प्लेक्स की जगह तन गए अवैध मकान, अधिकारी जांच के नाम पर करते रहे खेल
अगर नक्शा चेक कर लिया जाता तो खेल तभी पकड़ में आ जाता है

कानपुर, जेएनएन। केडीए की कृष्णापुरम आवासीय योजना में फर्जी रजिस्ट्री के मामले के बाद अब शापिंग काम्प्लेक्स की जगह पर अवैध आवास बनाने का खेल सामने आया है। केडीए ने आवंटियों के लिए रोजमर्रा की खरीदारी के लिए शापिंग काम्प्लेक्स के लिए दो हजार वर्ग मीटर जगह चिन्हित की थी वहां पर दुकानों की जगह पर आवास बन गए। अवैध निर्माण और अतिक्रमण के चलते कृष्णापुरम में रहने वालों का निकलना मुश्किल हो गया है। केडीए ने वर्ष 1988 में कृष्णानगर जीटी रोड के पास कृष्णापुरम आवासीय योजना विकसित की थी। इसमें दो सौ से 356 वर्ग गज के भूखंड विकसित किए गए। इसके अलावा योजना में रहने वालों के लिए दो हजार वर्ग मीटर जगह में शापिंग काम्प्लेक्स के निर्माण के लिए जगह छोड़ी गई। यहां पर दुकानों की जगह एक-एक करके मकान बन गए।

कर्मचारियों से मिलकर लोगों ने जगहों पर कब्जा करके बीस से ज्यादा मकान बन गए है। प्लान में मुताबिक इस मार्केट के पास से गुजरने वाले रास्तों में भी कब्जा हो गया। इसके चलते लोगों को निकलने के लिए जूझना पड़ा। ऐसा नहीं कि लोगों ने केडीए अफसरों से शिकायत नहीं की, लेकिन हर बार मामला दब गया।

मूल लेआउट भी गायब : कृष्णापुरम योजना का मूल ले आउट गायब है। मोडिफाइड प्लान में शापिंग मार्केट है। मार्केट की जगह पर बने मकानों के दस्तावेजों की जांच की जाएगी तो खेल का खुलासा हो जाएगा। योजना से जुड़े कर्मचारियों और प्रवर्तन की शह पर निर्माण हो गए हैं।

प्रवर्तन दस्ते को अपनी ही जमीन पर नहीं दिखे कब्जे : शापिंग मार्केट की जगह पर रातों रात अवैध निर्माण नहीं हो गए होगे। केडीए का प्रवर्तन दस्ता केवल तमाशबीन बना रहा। अपनी ही जमीन पर हो रहे अवैध निर्माण नहीं दिखाई दिए। व्यवसायिक स्थान पर आवासीय निर्माण होते रहे, लेकिन एक बार भी दस्ते ने दस्तावेज या नक्शा नहीं चेक किया। अगर नक्शा चेक कर लिया जाता तो खेल तभी पकड़ में आ जाता है। लगभग दस करोड़ रुपये से ज्यादा की जमीन बताई जा रही है।

फर्जी रजिस्ट्री में दस दिन में मांगी रिपोर्ट : केडीए उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने पहले ही फर्जी रजिस्ट्री के मामले में दस दिन में अपर सचिव को जांच करके रिपोर्ट देने को कहा है। फर्जी रजिस्ट्री से जुड़ी दो फाइल गायब है। जांच होने पर खुलासा हो जाएगा।

जांच होने पर खुलेगा कर्मचारियों का काकस : जांच होने पर कर्मचारियों का काकस भी सामने आएगा। कृष्णापुरम, सुजातगंज और श्यामनगर आवासीय योजना में फर्जी रजिस्ट्री का खेल हुआ है। इस खेल में दलाल कर्मचारियों के साथ मिलकर प्राधिकरण को चूना लगा रहे है।

इनका ये है कहना शापिंग मार्केट की जगह पर दुकानों की जगह मकान कैसे बन गए है। आवंटन क्या इनको दुकान बनाने के लिए हुआ था और आवासीय निर्माण करा लिए है। इसकी जांच कराई जाएगी। फर्जी रजिस्ट्री के मामले की जांच शुरू हो गई है। -सत्यप्रकाश सिंह, सचिव केडीए

chat bot
आपका साथी