केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को साइबर अटैक से बचाएगा आइआइटी
सीआरपीएफ आइजी अनुपमा कुलश्रेष्ठ ने आइआइटी निदेशक व विभागाध्यक्ष से की मुलाकात।
कानपुर, जागरण संवाददाता। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) हाईटेक तकनीक के जरिये खुद को अपडेट करने की तैयारी कर रहा है। संघ और केंद्रशासित प्रदेशों में पुलिस की मदद करने वाला यह बल अपनी साइबर सिक्योरिटी फुलप्रूफ करने के लिए आइआइटी की मदद लेगा। गुरुवार को सीआरपीएफ आइजी अनुपमा कुलश्रेष्ठ ने आइआइटी निदेशक अभय करंदीकर व कंप्यूटर साइंस विभागाध्यक्ष प्रो. संदीप शुक्ला से मुलाकात की। आइआइटी के कंप्यूटर साइंस विभाग की आधुनिक प्रयोगशाला व वहां साइबर अटैक से बचाव को किए जाने वाले शोध कार्यो से वह प्रभावित हुई।
प्रयोगशाला में कार्य करने के आधुनिक तरीकों को देखने के बाद उन्होंने विभागाध्यक्ष प्रो. शुक्ला को सीआरपीएफ के जवानों के लिए साइबर सिक्योरिटी का सत्र आयोजित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वह इस सत्र में उनके जवानों को साइबर खतरे से बचने के लिए व्याख्यान दें। हाईटेक लैब के लिए सीआरपीएफ जल्द ही आइआइटी प्रशासन के साथ बैठक करेगा जबकि डेटा सुरक्षित रखने के लिए यह लैब आइआइटी के साथ मिलकर स्थापित की जाएगी।
आइजी अनुपमा ने कहा कि उनका उद्देश्य यह है कि सीआरपीएफ के जवान दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के साथ साइबर अटैक से बचने की भी आधुनिक जानकारी रखें। इसके लिए वह कंप्यूटर साइंस विभाग के साथ मिलकर एक सत्र आयोजित करना चाहती हैं ताकि उनके जवान साइबर सिक्योरिटी को लेकर भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हमेशा सक्षम रहें। साइबर सिक्योरिटी लैब को अत्याधुनिक तकनीक से हाईटेक बनाने की दिशा में भी वह आइआइटी के सहयोग लेंगी।
छिपे दुश्मनों की तलाश होगी आसान आइआइटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनिय¨रग विभाग की प्रयोगशाला में ऐसे उपकरणों से शोध कार्य किया जाता है जो साइबर क्राइम से संबंधित जांच करने में कारगर हैं। आधुनिक उपकरणों से सजी इस प्रयोगशाला में बैंक अकाउंट, एटीएम और पासवर्ड सिक्योरिटी के अलावा स्मार्टफोन व वाईफाई के जरिये नेट एक्सेस करते समय होने वाले साइबर क्राइम से बचने के लिए नए-नए सॉफ्टवेयर पर काम किया जा रहा है।
प्रयोगशाला में कार्य करने के आधुनिक तरीकों को देखने के बाद उन्होंने विभागाध्यक्ष प्रो. शुक्ला को सीआरपीएफ के जवानों के लिए साइबर सिक्योरिटी का सत्र आयोजित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वह इस सत्र में उनके जवानों को साइबर खतरे से बचने के लिए व्याख्यान दें। हाईटेक लैब के लिए सीआरपीएफ जल्द ही आइआइटी प्रशासन के साथ बैठक करेगा जबकि डेटा सुरक्षित रखने के लिए यह लैब आइआइटी के साथ मिलकर स्थापित की जाएगी।
आइजी अनुपमा ने कहा कि उनका उद्देश्य यह है कि सीआरपीएफ के जवान दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के साथ साइबर अटैक से बचने की भी आधुनिक जानकारी रखें। इसके लिए वह कंप्यूटर साइंस विभाग के साथ मिलकर एक सत्र आयोजित करना चाहती हैं ताकि उनके जवान साइबर सिक्योरिटी को लेकर भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हमेशा सक्षम रहें। साइबर सिक्योरिटी लैब को अत्याधुनिक तकनीक से हाईटेक बनाने की दिशा में भी वह आइआइटी के सहयोग लेंगी।
छिपे दुश्मनों की तलाश होगी आसान आइआइटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनिय¨रग विभाग की प्रयोगशाला में ऐसे उपकरणों से शोध कार्य किया जाता है जो साइबर क्राइम से संबंधित जांच करने में कारगर हैं। आधुनिक उपकरणों से सजी इस प्रयोगशाला में बैंक अकाउंट, एटीएम और पासवर्ड सिक्योरिटी के अलावा स्मार्टफोन व वाईफाई के जरिये नेट एक्सेस करते समय होने वाले साइबर क्राइम से बचने के लिए नए-नए सॉफ्टवेयर पर काम किया जा रहा है।