IIT Kanpur में चार नए ई-मास्टर्स प्रोग्राम, जानिए- कितनी सीटें निर्धारित और कब से होगा दाखिला

आइआइटी कानपुर में इंजीनियरों की दक्षता बढ़ाने के लिए चार नए कोर्स शुरू किए गए हैं। पिछले माह बोर्ड आफ गवर्नर्स की बैठक में सहमति मिलने के बाद ई-मास्टर्स प्रोग्राम पर आनलाइन कक्षाएं शुरू करने की तैयारी की जा रही है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 10:51 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 10:51 AM (IST)
IIT Kanpur में चार नए ई-मास्टर्स प्रोग्राम, जानिए- कितनी सीटें निर्धारित और कब से होगा दाखिला
आइआइटी कानपुर में बढ़ाएंगे इंजीनियरों की दक्षता।

कानपुर, जेएनएन। तकनीकी क्षेत्र से जुड़े प्रोफेशनल व इंजीनियरों को अब और दक्ष बनाने की तैयारी है। पिछले माह बोर्ड आफ गवर्नर्स की हरी झंडी मिलने के बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर उनके लिए चार नए ई-मास्टर्स प्रोग्राम शुरू कर रहा है। अगस्त से शुरू हो रही क्लासेज में उन्हें देश-विदेश के एडवांस सिस्टम के साथ ही नए शोध, तकनीक और नवीन जानकारियां दी जाएंगी। सभी मास्टर्स प्रोग्राम के लिए 100-100 सीटें निर्धारित की गई हैं।

इन कोर्स के लिए साइबर सिक्योरिटी, कम्युनिकेशन सिस्टम, कमोडिटी मार्केट एंड रिस्क मैनेजमेंट, पावर सेक्टर रिक्वायरमेंट विषय तय किए गए हैैं। आनलाइन संचालित होने वाले कोर्स में दो वर्ष या उससे अधिक समय तक तकनीकी क्षेत्र में अनुभव रख चुके विशेषज्ञ शामिल हो सकेंगे। चारों कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के जरिए होगी। दाखिले की प्रक्रिया और इंटरव्यू की जानकारी विभागों के द्वारा जल्द ही जारी की जाएगी।

सरकारी और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ होंगे शामिल

आइआइटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि ई-मास्टर्स प्रोग्राम अपने आप में अलग तरह के हैं। इसमें सरकारी और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल हो सकेंगे। तकनीक का तेजी से विकास हो रहा है। सरकारी और निजी कार्यालयों को पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है। नई तकनीक लाई जा रही हैं। ऐसे में विशेषज्ञ इनसे जुड़कर जानकारी बढ़ा सकते हैं। इससे न सिर्फ समस्याओं का जल्दी समाधान होगा, बल्कि मानीटङ्क्षरग सिस्टम और बेहतर ढंग से काम कर सकेगा।

शिक्षामंत्री ने ट्वीट कर दी बधाई : इस नए प्रोग्राम को लेकर शिक्षा मंत्री डा.रमेश पोखरियाल ने ट्वीट कर खुशी जताई। उन्होंने निदेशक और अन्य अधिकारियों को बधाई दी है। इस तरह के कोर्स पहली बार किसी भी आइआइटी में संचालित किए जाएंगे। इससे इंजीनियरों की कुशलता बढ़ाने में और मदद मिलेगी। -प्रो. अभय करंदीकर, निदेशक, आइआइटी कानपुर।

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