आइआइटी कानपुर ने ग्रामीण महिलाओं को दिखाई स्वावलंबन की राह, मास्क से दिया अभयदान

आइआइटी ने कानपुर के ईश्वरीगंज नत्थापुरवा और टिक्कनपुरवा समेत कई गांवों की महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह दिखाई है। गांव स्तर पर अलग-अलग समूह बनाकर रोजगार दे रही हैं और अब इसमें स्कूल-कालेज की छात्राएं भी शामिल हो गई हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 15 Aug 2021 09:57 AM (IST) Updated:Sun, 15 Aug 2021 09:57 AM (IST)
आइआइटी कानपुर ने ग्रामीण महिलाओं को दिखाई स्वावलंबन की राह, मास्क से दिया अभयदान
गांव में महिलाएं और युवतियां बनीं आत्मनिर्भर।

कानपुर, शशांक शेखर भारद्वाज। बिठूर के ईश्वरीगंज, नत्थापुरवा, टिक्कनपुरवा, सिंहपुर समेत कई गांवों की महिलाओं ने आपदा में अवसर तलाशा है। अवसर भी ऐसा जिसने न सिर्फ बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार की राह दिखाई, बल्कि कई जिंदगियों के लिए अभयदान भी साबित हुआ। आइआइटी के विशेषज्ञों, पुरातन छात्रों और उन्नत भारत अभियान की इंचार्ज रीता सिंह की मदद से मास्क, कपड़े, बैग और अन्य सजावटी वस्तुओं को बनाना सीखा। उनका हुनर कोरोना संक्रमणकाल में समाज के लिए मददगार रहा। उनके बनाए मास्क सामाजिक संस्था के सहयोग से कोरोना योद्धाओं को दिए जा रहे हैं। अब इसी स्वरोजगार के बूते गृहस्थी की गाड़ी आराम से दौड़ रही हैं।

Case-1 : टिक्कनपुरवा की रोशनी डबल एमए हैं। उन्होंने प्रशिक्षण हासिल कर कई छात्राओं और महिलाओं को मास्क बनाने, कपड़े सिलने, बैग बनाने में पारंगत किया है। अब ईश्वरीगंज के पास अपना बुटिक खोला है।

case-2 : बिनियापुरवा की किरण ने प्रशिक्षण लेकर कपड़ों की सिलाई, मास्क तैयार करना शुरू कर दिया है। उनकी तीन बेटियां हैं। किरण के साथ गांव की कई महिलाएं स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे आईं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के सहयोग से प्रशिक्षण लेकर स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ रही हैैं।

दो महीने से दिया जा रहा प्रशिक्षण

आइआइटी में ग्रामीण महिलाओं और जरूरतमंदों के लिए निश्शुल्क रोजी शिक्षण संस्थान संचालित किया जा रहा है। यह दो महीने का है। एक महीने थ्योरी और एक महीने प्रैक्टिकल कराया जाता है। कोरोना की पहली लहर के समय पुरातन छात्रों, सामाजिक संस्था ने कई महिलाओं को मास्क बनाने का सामान और सिलाई की मशीनें दीं थी। इनके सहयोग से महिलाओं ने अपने समूह तैयार कर प्रशिक्षण को आगे बढ़ाया।

-आइआइटी और उन्नत भारत अभियान के सहयोग से ग्रामीण महिलाओं ने स्वावलंबन की राह पकड़ी है। मास्क, बैग, सिलाई कर बेहतर उत्पाद तैयार कर रही हैं। कई कंपनियां मास्क और कपड़े आनलाइन बेच रही हैं। -डा. रीता सिंह, संयोजक उन्नत भारत अभियान

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