IIT Kanpur को बड़ी उपलब्धि, डब्ल्यूएचओ के मानद सदस्य बने प्रो. शर्मा को मिली अहम जिम्मेदारी

आइआइटी कानपुर के प्रो. मुकेश शर्मा को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रदूषण रोकथाम के कार्यों पर अहम जिम्मेदारी दी है। उन्हें वैश्विक वायु प्रदूषण व स्वास्थ्य-तकनीकी सलाहकार समूह के मानद सदस्य बनाया गया है। आइआइटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने उन्हेंं शुभकामनाएं दी हैैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 07:56 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 09:11 PM (IST)
IIT Kanpur को बड़ी उपलब्धि, डब्ल्यूएचओ के मानद सदस्य बने प्रो. शर्मा को मिली अहम जिम्मेदारी
डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने सौंपी अहम जिम्मेदारी ।

कानपुर, [समीर दीक्षित]। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। यहां सिविल इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत वायु गुणवत्ता विशेषज्ञ व प्रदूषण के क्षेत्र में शोध करन वाले प्रो. मुकेश शर्मा को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वैश्विक वायु प्रदूषण व स्वास्थ्य-तकनीकी सलाहकार समूह (जीएपीएच-टैग) का मानद सदस्य नियुक्त किया गया है। वह दुनिया भर में वायु प्रदूषण कम करने पर काम करेंगे। डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने उन्हेंं यह अहम जिम्मेदारी सौंपी है।

प्रो. शर्मा पूर्व में भी डब्ल्यूएचओ, जिनेवा, इंटरनेशनल काउंसिल फार क्लीन ट्रांसपोर्ट, क्लीन एयर एशिया यूनाइटेड नेशनल एनवायरमेंटल प्रोग्राम, बैंकाक और विश्वबैंक से जुड़कर भी कई शोध कार्य कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने दिल्ली का प्रदूषण कम करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर सरकार को दिया था। आइआइटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने उन्हेंं शुभकामनाएं दी हैैं।

न शनल एयर क्वालिटी इंडेक्स तैयार करने में निभाई अहम भूमिका

म लरूप से जयपुर स्थित सेठी कालोनी (आदर्श नगर के पास) निवासी प्रो. शर्मा ने नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी। पीएम मोदी ने वर्ष 2015 में नेशनल क्वालिटी एयर इंडेक्स देश को सौंपा था। इसके अलावा वर्ष 2009 में केंद्र सरकार ने जो नेशनल एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड संबंधी आंकड़े तैयार किए थे, उन्हें तैयार कराने में भी प्रो. शर्मा ने अहम भूमिका निभाई थी।

10 साल सीपीसीबी से जुड़े रहे, फिर 1997 में पहुंचे आइआइटी

प्रो.शर्मा ने वर्ष 1982 में आइआइटी कानपुर से एमटेक किया था। उसके बाद उन्होंने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 10 साल तक वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता पद पर काम किया। वर्ष 1997 में वह आइआइटी कानपुर पहुंचे और सिविल इंजीनियरिंग विभाग से जुड़ गए।

टैग के ये हैं कार्य

आइआइटी कानपुर से दी गई जानकारी के मुताबिक टैग के सदस्यों को दुनिया भर में चुना जाता है। डब्ल्यूएचओ टैग, डब्ल्यूएचओ का एक सलाहकार निकाय है, जो दुनिया भर के वायु प्रदूषण तथा स्वास्थ्य के मुद्दों में काम करने के लिए तकनीकी मार्गदर्शन और जरूरी आंकड़े मुहैया कराता है। इसी आधार पर वायु प्रदूषण घटाने और स्वास्थ्य की बेहतर कार्ययोजना को दुनिया में अमलीजामा पहनाया जाता है।

ये प्रमुख पुरस्कार भी मिले

- वर्ष 2019 में पर्यावरण विज्ञान व तकनीकी के लिए वैस्विक अवार्ड।

- वर्ष 2020 में आइआइटी मद्रास, यूनिवॢसटी आफ बाथ (यूके), नेशनल यूनिवॢसटी कैनबरा की ओर से एयर क्वालिटी रिसर्च लाफइटाइम अचीवमेंट अवार्ड।

- वर्ष 2014 में फैलो आफ नेशनल एकेडमी आफ इंजीनियरिंग के लिए चयनित

- वर्ष 2012 में कोंग हा अवार्ड इन एयर क्वालिटी फ्राम क्लीन एयर एशिया, ए यूएन सपोर्टेड फाउंडेशन

- हियोशी इंवायरमेंटल अवार्ड बाय हियोशी कार्पोरेशन, जापान

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