आइआइटी कानपुर के नाम एक और बड़ी उपलब्धि, प्रो. बुशरा अतीक को मिलेगा शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार
फरवरी 2013 में आइआइटी कानपुर ज्वाइन करने वालीं प्रो. बुशरा अतीक बायोलॉजिकल साइंसेज एंड बायो इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं और कैंसर के कारण और निवारण अबतक कई तरह के शोध किए हैं पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर की वजह का पता लगा चुकी हैं।
कानपुर, जेएनएन। कैंसर पर कई तरह के शोध कर चुकीं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) की प्रो. बुशरा अतीक को इस वर्ष शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। शनिवार को निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने ट््वीट कर उन्हें बधाई दी। उनका नाम फाइनल हो गया है, लेकिन पुरस्कार कब मिलेगा यह तय नहीं हुआ है।
प्रो. बुशरा बायोलॉजिकल साइंसेज एंड बायो इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उन्होंने फरवरी 2013 में आइआइटी ज्वाइन किया, तब से लेकर आज तक कैंसर के कारण और उसके निवारण पर काम कर रही हैं। उनके शोधार्थियों ने कई तरह की जीन और कोशिकाओं की गड़बड़ी का पता लगाया है, जिनकी प्रारंभिक दिक्कतें होने पर आगे चलकर ट्यूमर बन जाता है। उन्होंने पुरुषों में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर की वजह का पता लगाया, जिसके लिए 2018 में उन्हें सीएनआर राव फैकल्टी अवार्ड भी मिला था।
प्रो. बुशरा ने ब्रेस्ट कैंसर की दवाओं पर भी काम किया है। उन्होंने 1995 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बीएससी, 1997 में एमएससी व 2003 में पीएचडी किया। उन्हें 2009 में सैन फ्रांसिस्को की ओर से जिनेटेक पोस्ट डॉक्टरल अवार्ड, 2010 में यंग इनवेस्टिगेटर अवार्ड, 2011 में अमेरिकन रिसर्च एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च की ओर से कैंसर रिसर्च स्कॉलर अवार्ड, 2013 में रामानुजन फेलोशिप अवार्ड भी मिल चुका है।