कोरोना थर्ड वेव को लेकर विशेषज्ञों की नई भविष्यवाणी, नया वैरिएंट नहीं आया तो टल सकता है खतरा
Coronavirus News Update आइआइटी कानपुर के विशेषज्ञों के मुताबिक वर्तमान के वैरिएंट की रफ्तार धीमी पड़ चुकी है और नए मामले आना भी कुछ कम हो गए हैं। उत्तर के राज्यों में लगभग हर्ड इम्युनिटी आ गई है इससे केस कम आ रहे हैं।
कानपुर [जागरण संवाददाता]। Coronavirus News Update: कोरोना वायरस के संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका के बीच विशेषज्ञों की यह नई भविष्यवाणी महामारी के भय को काफी हद तक कम करने वाली है। देश में वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण की स्थिति देखते हुए आइआइटी कानपुर के विशेषज्ञों का आकलन है कि अगर नया वैरिएंट नहीं आया तो तीसरी लहर का खतरा टल सकता है।
आइआइटी कानपुर के प्रो. मणींद्र अग्रवाल और उनकी टीम ने सूत्र माडल के माध्यम से जो आकलन किया है, उसके मुताबिक वर्तमान के वैरिएंट की रफ्तार धीमी पड़ चुकी है और नए मामले आना भी कुछ कम हो गए हैं। केरल और महाराष्ट्र में संक्रमण की रफ्तार घट-बढ़ सकती है। उत्तर के राज्यों में लगभग हर्ड इम्युनिटी आ गई है, इससे केस कम आ रहे हैं। मौजूदा समय में संक्रमण दर घटकर करीब 30 हजार प्रतिदिन आ गई है।
केरल में केस कम होने लगे हैं। विशेषज्ञों का कहना है, टीकाकरण, मास्क का उपयोग व शारीरिक दूरी के पालन की अनिवार्यता बरकरार रखी जाए। कोरोना केस बढऩे पर लाकडाउन के उपयोग से संक्रमण की चेन टूट सकेगी। प्रो. अग्रवाल के मुताबिक नया वैरिएंट न आने पर तीसरी लहर की आशंका नहीं के बराबर है। केस बढ़ भी सकते हैं, लेकिन पिछली लहर की तरह भयावहता नहीं होगी। कोरोना समाप्त नहीं हुआ है। ऐसे में सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
बता दें, प्रो. मणींद्र अग्रवाल गणितीय माडल सूत्र के माध्यम से पिछले डेढ़ साल से कोरोना संक्रमण की रफ्तार, संक्रमित मामलों का आकलन कर रहे हैं। उनकी रिपोर्ट अब तक सही साबित हुई है। उन्होंने देश के साथ ही कई राज्यों व शहरों में संक्रमण की स्टडी की है। उनके बनाए पोर्टल से किसी भी शहर में संक्रमण की स्थिति का आकलन हो जाता है।
टीकाकरण बड़ा कारण : टीकाकरण कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे का बड़ा कारण है। इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया में वैक्सीनेशन काफी तेज हो रहा है। इसकी वजह से संक्रमण होने पर भी मरीजों की स्थिति गंभीर नहीं हो रही है। अमेरिका में वैक्सीनेशन कुछ कमजोर है, जिसके चलते केस तेजी से बढ़ रहे हैं।
कई देशों का कर रहे आकलन : आइआइटी के विशेषज्ञ भारत के साथ ही अमेरिका, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, जापान समेत अन्य देशों का आकलन कर रहे हैं। उनके मुताबिक जापान में संक्रमण तेजी से बढ़ सकता है।