चिकित्सकीय क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने पर आइआइटी एल्युमिनाई का शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से होगा सम्मान

कैंसर समेत कई रोगों की दवाओं पर कर चुकीं शोध कोलकाता के आइएसीएस संस्थान में हैं प्रोफेसर मूलरूप से ओडिसा की रहने की रहने वाली हैं प्रो. दास फैकल्टी समेत आइआइटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने दी बधाई आइआइटी के ट्विटर अकाउंट पर भी जानकारी को साझा किया गया

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 08:41 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 08:41 PM (IST)
चिकित्सकीय क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने पर आइआइटी एल्युमिनाई का शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से होगा सम्मान
आइआइटी एल्युमिनाई प्रो. ज्योतिर्मयी दास की फाइल फोटो

कानपुर, जेएनएन। प्रो. बुशरा अतीक के बाद अब आइआइटी कानपुर के नाम पर एक और उपलब्धि जुड़ने जा रही है। यहां की एल्युमिनाई प्रो. ज्योतिर्मयी दास को भी कैंसर समेत कई रोगों की दवाओं पर शोध करने और नई तकनीक विकसित करने के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाएगा। उनकी इस कामयाबी पर आइआइटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर, उप निदेशक प्रो. एस गणेश, डीन एल्युमिनाई प्रो. जयंत सिंह ने उन्हें बधाई दी है। इसके साथ ही आइआइटी के ट्विटर अकाउंट पर भी इस जानकारी को साझा किया गया है।

प्रो. ज्योतिर्मयी दास की प्रोफाइल 

प्रो. ज्योतिर्मयी दास मौजूदा समय में इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साइंस (आइएसीएस) में प्रोफेसर हैं। उन्होंने 2003 में सिंथेटिक आर्गेनिक केमिस्ट्री से पीएचडी किया था। इस दौरान प्रो. एफए खान उनके रिसर्च एडवाइजर थे। प्रो. दास मूलरूप से ओडिसा की रहने वाली हैं। उन्होंने कटक की रेवनशॉ यूनिवर्सिटी से केमिस्ट्री में एमएससी किया। आइआइटी से पीएचडी की उपाधि मिलने के बाद उन्होंने 2004 से 2006 तक जर्मनी की फ्रीई यूनिवर्सिटी से फेलोशिप की। 2006 में ईएसपीसीआइ, पेरिस से एक वर्ष की पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप की। उन्हें 2007 से 2009 के बीच में यूके की यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज से मैरी क्यूरी फेलोशिप करने का मौका मिला। 2009 में उनकी नियुक्ति कोलकाता के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुई। यहां तीन साल रहने के बाद उन्होंने आइएसीएस को ज्वाइन कर लिया।

शोध और विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने पर दिया जाता है पुरस्कार

शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च की ओर से दिया जाता है। यह शोध और विज्ञान के क्षेत्र में सर्वोत्तम पुरस्कारों में से एक है। प्रो. दास विभिन्न अणुओं के संश्लेषण के लिए नई कार्य प्रणाली विकसित की है, जिसका उपयोग चिकित्सकीय लक्ष्यों की संरचना और कार्य का अध्ययन करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कैंसर और कई गंभीर रोगों की दवाओं के अणुओं पर काम किया है। 

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