कानपुर की इन सड़कों से गुजर रहे हैं तो जरा संभल कर निकलें, कहीं अस्पताल न जाना पड़ जाए

ये इस बात की भी बानगी हैं कि समस्या चाहे जैसी हो जिम्मेदारों की बला से। यदि समय रहते अफसर न चेते और गड्ढों को न भरा गया तो निश्चित है कि बारिश के मौसम में ये गड्ढे जानलेवा भी हो सकते हैं।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 02:05 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 02:05 PM (IST)
कानपुर की इन सड़कों से गुजर रहे हैं तो जरा संभल कर निकलें, कहीं अस्पताल न जाना पड़ जाए
बारिश के मौसम में ये गड्ढे जानलेवा भी हो सकते हैं

कानपुर, जेएनएन। सड़कों पर निकल रहे हैं तो अपना ध्यान रखिए, ऐसा न हो कि सड़कों के गड््ढे आपके लिए मुसीबत बन जाएं। दरअसल, शहर में तमाम ऐसी सड़कें हैं जिन पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। जो अफसरों के गड्ढा मुक्त अभियान को ठेंगा दिखाती हैं। ये इस बात की भी बानगी हैं कि समस्या चाहे जैसी हो, जिम्मेदारों की बला से। यदि समय रहते अफसर न चेते और गड्ढों को न भरा गया तो निश्चित है कि बारिश के मौसम में ये गड्ढे जानलेवा भी हो सकते हैं।

बर्रा आठ से वनपुरवा की 1250 मीटर रोड पर तकरीबन 150 गड्ढे : बर्रा आठ से वनपुरवा तक की 1250 मीटर सड़क पर तकरीबन 150 गड्ढे हैं। जरा सी चूक पर यहां हादसा होना तय है। इस सड़क की मरम्मत चार साल पहले हुई थी, जो अब पूरी तरह से उखड़ चुकी है। सबसे ज्यादा खराब स्थ्ज्ञिित वनपुरवा की तरफ से बर्रा बसंत पेट्रोल पंप वाली सड़क की है। बसंत पेट्रोल पंप से वनपुरवा जाने वाली सड़क पर एक नजर

75 लाख रुपये से चार साल पहले बनी थी ये सड़क 88 लाख से 15वें वित्त में प्रस्तावित है सड़क दोनों तरफ दो-दो लेन की है सड़क एक-एक मीटर चौड़ी है बरसाती नाली

मोहल्ले जुड़ते : बर्रा आठ, जरौली, वनपुरवा, बर्रा पांच, शास्त्री चौक, सीटीआई, बर्रा विश्वबैंक, मेहरबान सिंह पुरवा, इसके साथ इसी सड़क से फत्तेपुर गांव होते हुए कानपुर-हमीरपुर हाईवे तक पहुंच सकते हैं।

ट्रांसपोर्ट नगर से निकलने में लगता डर : चार साल से ट्रांसपोर्टर नगर धूल और गड्ढों का दंश झेल रहा है। यहां सड़क के नाम पर गड्ढे हैं। बाइक के साथ टेंपो और ऑटो तक पलट जाते हैं। जलनिकासी की व्यवस्था न होने से भी समस्या है।

मोहल्ले जुड़ते हैं : ढकनापुरवा, रत्तूपुरवा, जूही बंसती नगर, बारादेवी, किदवई नगर, बाबूपुरवा, मुंशीपुरवा, अजितगंज, आनंदपुरी, बगाही भट्टा, ईदगाह, अफीम कोठी, नौबस्ता समेत अन्य इलाके के लोगों का आवागमन है।

इनका ये है कहना

सड़क के नाम पर सिर्फ मिट्टी ही बची है। बारिश में सड़क से निकलना मुश्किल हो जाता है। ज्यादा जलभराव होने पर रास्ता बदलना पड़ता है। -धर्मेंद्र आजाद,बर्रा आठ सड़क में बड़े-बड़े गढ्डों में पानी भर जाने की वजह से अंदाजा नहीं लग पाता और पहिया घुसते ही बाइक अनियंत्रित हो जाती है।    -दीपक गौतम, ट्रांसपोर्ट नगर

इनकी भी सुनिए एसएस इंटरप्राइजेज कंपनी को ठेका दिया गया है। काम शुरू करना था लेकिन नहीं शुरू किया है। नोटिस दी गई है। एक सप्ताह में काम शुरू नहीं किया तो कार्रवाई की जाएगी। -एसपी ओझा, अधिशासी अभियंता पीडब्लूडी शहर की टूटी सड़कों को निर्माण के लिए बजट 15 वें वित्त आयोग से मिली धनराशि में रखा गया है। स्वीकृति मिलते ही टेंडर कराके काम शुरू कराया जाएगा। -एसके सिंह, मुख्य अभियंता नगर निगम ट्रांसपोर्ट नगर की सड़क का हाल

जोड़ती - दो सड़क लंबाई - 19 सौ मीटर नहीं बनी - आठ साल पहले अब बनाएगा - पीडब्ल्यूडी कहां से कहां तक बननी है सड़क ट्रांसपोर्ट नगर से बाकरगंज चौराहा होते हुए जूही नहरिया तक लंबाई - एक किमी लागत - 7.56 करोड़

ट्रांसपोर्ट नगर चौराहे से जूही नहरिया जाने वाली सड़क लंबाई - 900 मीटर लागत - 8.80 करोड़

यह है ट्रांसपोर्टनगर की स्थिति हर रोज 1500 भारी वाहनों का है आवागमन  ट्रांसपोर्टनगर में रोज होता है 150 करोड़ रुपये का कारोबार

यह होगी सड़क की क्षमता 3200 ट्रकों की क्षमता की होगी सीसी सड़क 1000 ट्रांसपोर्टर करते हैं कारोबार 

chat bot
आपका साथी