हाइड्रोजेल देगा पौधों को पानी,पेपर टूथपेस्ट से चमकेंगे दांत

बीएनएसडी शिक्षा निकेतन के छात्रों रजत व पार्थ ने किया कमाल ।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 08:18 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 08:18 PM (IST)
हाइड्रोजेल देगा पौधों को पानी,पेपर टूथपेस्ट से चमकेंगे दांत
हाइड्रोजेल देगा पौधों को पानी,पेपर टूथपेस्ट से चमकेंगे दांत

जागरण संवाददाता, कानपुर :

बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में12वीं की पढ़ाई करने वाले रजत राजपूत व पार्थ गुप्ता ने पोटेशियम पालीक्राइलेट, जिसे सामान्य भाषा में हाइड्रोजेल कहा जाता है, की मदद से फसलों की पैदावार बढ़ाने व पौधों की स्वत: सिचाई कराने का दावा किया है।

रजत ने गुरुवार को बताया कि यदि कोई किसान एक एकड़ में छह से सात किलोग्राम हाइड्रोजेल को मिट्टी में चार से छह इंच नीचे बिछा देता है तो बारिश के दौरान यह जेल पांच सौ गुना अधिक पानी जड़ों को पहुंचा देगा। इसके बाद अगर तीन से चार साल बारिश कम होने या सूखा होने की स्थिति होती है, तब भी हाइड्रोजेल से पौधों की पानी बराबर मिलता रहेगा। यानी, फसलों में जरूरत भर की नमी बनी रहेगी और किसान आसानी से फसलों को उगा सकेंगे। पार्थ ने बताया कि इस हाइड्रोजेल की लागत 1500 रुपये प्रति किलोग्राम तक आएगी।

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पेपर टूथपेस्ट से ब्रश करने का झंझट खत्म

बीएनएसडी शिक्षा निकेतन के 12वीं की छात्रा श्रेया वाजपेयी व मालविका शुक्ला ने बताया कि उन्होंने कोरोना महामारी को देखते हुए पेपर टूथपेस्ट तैयार किया है। 10 रुपये में इसके 20 पीस तैयार हो सकते हैं। श्रेया ने दावा किया कि इस तरह का पेपर टूथपेस्ट भी कहीं उपलब्ध नहीं है। इसमें लौंग, बेकिग सोडा, मिट, नमक, नीम का तेल आदि के मिश्रण को लगाया गया है। इस पेपर टूथपेस्ट को अंगुली में लिपटाकर आसानी से दांत साफ कर सकते हैं। इन माडल के प्रदर्शन के दौरान लैब इंचार्ज अवनीश मेहरोत्रा, राजीव मिश्रा आदि उपस्थित रहे।

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मदरसा छात्र उर्दू के साथ अंग्रेजी व विज्ञान में भी होंगे माहिर

-मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए तैयार की जा रही रिपोर्ट

-मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष को बताईं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने समस्याएं

जागरण संवाददाता, कानपुर : सीबीएसई, आइसीएसई व यूपी बोर्ड की तर्ज पर मदरसों में भी शिक्षा दी जाएगी। मदरसा छात्र उर्दू व अरबी तो पढेंगे ही। इसके साथ अंग्रेजी व विज्ञान में भी माहिर होंगे । मदरसों में शिक्षा के स्तर को सुधारने की कवायद चल रही है। प्रदेश भर के मदरसों का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। रिपोर्ट तैयार होने के बाद उसके आधार पर मदरसों का कायाकल्प किया जाएगा। यह जानकारी उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डा. इफ्तिखार अहमद जावेद ने दी। वे शिक्षणेत्तर कर्मचारी एसोसिएशन मदारिस-ए-अरबिया की ओर से मदरसों की समस्याएं और उनका हल विषय पर कुलीबाजार स्थित कौमी दानिशगाह ग‌र्ल्स स्कूल में आयोजित सेमिनार में शिरकत करने आए थे। उन्होंने कहा कि मदरसा आधुनिकीकरण का लाभ मदरसा छात्रों को मिलेगा। इस दौरान शिक्षणेत्तर कर्मचारी एसोसिएशन मदारिस-ए-अरबिया के अध्यक्ष हसीब अख्तर ने मदरसा शिक्षकों व कर्मचारियों की समस्याएं उठाईं। उन्होंने कहा कि मदरसों में दी जाने वाली उच्च शिक्षा के विषयों के के अनुरूप शिक्षकों के पद नहीं है। मैनेजर्स एसोसिएशन मदारिस-ए-अरबिया के जनरल सेक्रेटरी डा. रशीद अनवर सिद्दीकी ने कहा कि वर्ष 2015-16 के बाद नए मदरसों को मान्यता नहीं दी गई है। मदरसों को मान्यता दिलवाई जाए। कार्यक्रम में एसोसिएशन के महामंत्री हाजी खुर्शीद आलम, सगीर आलम हबीबी, शहरकाजी मुफ्ती साकिब मिस्बाही, डा.प्रियंका अवस्थी, मौलाना तहसीन रजा कादरी, मौलाना अकमल अशरफी, महबूब आलम खान आदि रहे।

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इन मांगों को रखा गया

मदरसों में शिक्षकों की पदोन्नति की जाए,रिक्त पदों को भरा जाए

महिला शिक्षिकाओं, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को प्रसूति एवं बाल्य देखभाल अवकाश दिया जाए

मदरसा शिक्षकों को स्थानांतरण की सुविधा प्रदान की जाए

मदरसा शिक्षकों को राज्य कर्मियों की भांति चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा दी जाए

पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल किया जाए

मदरसा शिक्षकों के प्रोन्नति वेतनमान में 20 वर्ष की शर्त समाप्त की जाए

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