HBTU Kanpur: गनमेटल से बने टाइम कैप्सूल में एक हजार साल सुरक्षित रहेगा सौ साल का इतिहास

हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय के स्थापना के सौ साल पूरे होने पर शताब्दी वर्ष समारोह में राष्ट्रपति की मौजूदगी में टाइम कैप्सूल दस मीटर गहराई में उतारा गया। गनमेटल से बना कैप्सूल एक हजार से ज्यादा वर्षों तक सुरक्षित रहेगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 03:34 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 03:34 PM (IST)
HBTU Kanpur: गनमेटल से बने टाइम कैप्सूल में एक हजार साल सुरक्षित रहेगा सौ साल का इतिहास
एचबीटीयू परिसर में पूर्वी कैंपस में बना शताब्दी स्तंभ।

कानपुर, जेएनएन। हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विवि (एचबीटीयू) स्थापना के सौ साल पूरे होने पर शताब्दी वर्ष समारोह मना रहा है, जिसका शुभारंभ गुरुवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने किया है। राष्ट्रपति की उपस्थिति में संस्थान के सौ साल के इतिहास का कैप्सूल दस मीटर गहराई में दफन किया गया और स्तंभ का रूप दिया गया। चार सौ किलोग्राम गनमेटल से बने कैप्सूल के अंदर हार्ट ड्राइव में इतिहास संजोया गया है, जो स्तंभ के अंदर एक हजार साल से ज्यादा समय तक सुरक्षित रहेगा।

एचबीटीयू में पश्चिमी कैंपस में नवनिर्मित मल्टीपरपज हाल में शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया। हालांकि शताब्दी स्तंभ संस्थान के पूर्वी कैंपस में गेट के भीतर पार्क के किनारे बनवाया गया है। इस स्तंभ के अंदर किनारे की ओर 10 मीटर गहराई तक गड्ढा खोदवाकर पाइप डाला गया और इसी पाइप के भीतर टाइम कैप्सूल को एक मजबूत चेन की मदद से उतारने की व्यवस्था की गई। समारोह स्थल से राष्ट्रपति ने रिमोट का बटन दबाया और टाइम कैप्सूल पाइप के अंदर उतार गया।

कुलसचिव प्रो. नीरज कुमार ने बताया कि संस्थान के 100 वर्षों का इतिहास, नक्शा, शोध, उपलब्धियां व गवर्निंग बाडी की मीटिंगों के मिनट व क्रियाकलापों का ब्योरा हार्ड कापी के साथ साफ्ट कापी में भी स्टोर किया गया है। कैप्सूल का वजन 400 किलोग्राम है। इसमें 100 किलोग्राम के इनर सेल में पूरी सामग्री रखी गई है और नाइट्रोजन गैस भरकर पूरे कैप्सूल को सील किया गया है। चार सौ किलोग्राम गनमेटल से बना टाइम कैप्सूल एक हजार से भी ज्यादा वर्षों तक भूमि के भीतर सुरक्षित रहेगा। हार्ड ड्राइव में सभी दस्तावेजों की फोटो व लिखित मैटीरियल की पीडीएफ फाइलें सुरक्षित की गई हैं।

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