Love Story 1921 : क्या आप जानते हैं, कानपुर का उर्सला अस्पताल है प्रेम की निशानी, पढ़िए- यह अनकही दास्तां

Love Story 1921 स्थापना काल से जरूरतमंदों की जीवन रक्षा करता चला आ रहा यह अस्पताल बेपनाह मोहब्बत की कहानी को भी अपने सीने में संजोए हुए है। इसकी स्थापना 26 फरवरी 1937 को मानवीय मूल्यों को सहेजने के लिए की गई थी।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 08:54 AM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 08:54 AM (IST)
Love Story 1921 : क्या आप जानते हैं, कानपुर का उर्सला अस्पताल है प्रेम की निशानी, पढ़िए- यह अनकही दास्तां
कानपुर के उर्सला अस्पताल से संबंधित सांकेतिक तस्वीर ।

कानपुर, [जागरण स्पेशल]। Love Story 1921 पूरब का मैनचेस्टर कहे जाने वाले कानपुर शहर का इतिहास ही कुछ अनोखा है। इस धरती का न केवल ऐतिहासिक वरन सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक महात्म्य है। कहने को हर शहर की अपनी अलग पहचान और विरासत होती है, लेकिन कानपुर शहर की गलियां, चौक-चौराहों से लेकर यहां पर बनी एक-एक इमारत भी अपनी दास्तां सुनाती है। इसी परिप्रेक्ष्य में हम आपके लेकर आए हैं उस अस्पताल की अनकही कहानी जिससे शायद आप अब तक अनभिज्ञ हों। यह अस्पताल है उर्सला हॉर्समैन मेमोरियल हॉस्पिटल। जो कि शहर के व्यस्ततम चौराहों में शुमार बड़ा चौराहा पर स्थित है। इसकी स्थापना 26 फरवरी 1937 को मानवीय मूल्यों को सहेजने के लिए की गई थी।  स्थापना काल से जरूरतमंदों की जीवन रक्षा करता चला आ रहा यह अस्पताल बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के इतर बेपनाह मोहब्बत की कहानी को भी अपने सीने में संजोए हुए है। 

उर्सला हॉर्समैन मेमोरियल हॉस्पिटल में सुविधाएं

बर्न यूनिट, कार्डियक यूनिट, डायलिसिस यूनिट, फिजियोथेरेपी, आइसीयू, आइसीसीयू, एमआरआइ, सीटी स्कैन, वेंटीलेटर, पीबीयू, नियोनेटल यूनिट, सीआर्म, डिजिटल एक्सरे, अल्ट्रासाउंड जांच, कम्यूटराइज्ड पैथालॉजी, ब्लड बैंक, ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर यूनिट एवं जीरियाटिक वार्ड।

यह है वो दास्तां 

 अल्बर्ट फ्रांसिस हॉर्समैन का बेटा अल्बर्ट हॉर्समैन अपनी पत्नी उर्सला से बेपनाह मोहब्बत करता था। जो कि बहुत ही खूबसूरत थीं। उस समय उन्हें-हुस्न-ए-मल्लिका के उपनाम से संबोधित किया जाता था। अल्बर्ट हॉर्समैन का विवाह वर्ष 1921 में उर्सला के साथ हुआ था। उन दोनों को चार संतानें मोराइनी, हेनरी, जॉन और पीटर हुईं। वर्ष 1935 में ब्रिटिश इम्पीरियल एयरवेज का विमान हादसे का शिकार हो गया, जिसमें सफर कर रही उर्सला की मौत हो गई। इस घटना ने अल्बर्ट हॉर्समैन एवं उसके छोटे भाई हेनरी हॉर्समैन को व्यथित कर दिया। उर्सला की स्मृतियों को दिल में सहेजने के लिए ही अस्पताल की स्थापना की गई। यह अस्पताल वर्तमान समय में 550 बेड का होने के साथ ही मंडलीय चिकित्सालय के रूप में पहचान बना चुका है।

इनका ये है कहना 

उर्सला अस्पताल अपने गौरवपूर्ण 84 वर्ष पूरे कर रहा है। इसका निर्माण उर्सला की याद में कराया गया था। अस्पताल का शुभारंभ हेनरी ग्राहम ग्रेग ने किया था। - डॉ. शैलेंद्र तिवारी, सदस्य, आयोजन कमेटी, उर्सला अस्पताल।

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