कानपुर में दो करोड़ से संवारी जाएगी ऐतिहासिक सैमसी झील, सुदंरीकरण के लिए होगा पूजन
महाराजपुर की ऐतिहासिक सैमसी झील बदहाल पड़ी हुई है। अंग्रेजों के समय यह झील पर्यटन स्थल के रूप में विकसित थी।साइबेरियन पक्षियों के कलरव से झील गुंजायमान होती थी। सफेद कमल के फूल होते थे। अंग्रेज अपने परिवार के साथ नौका विहार करने आते थे।
कानपुर, जागरण संवाददाता। महाराजपुर की सैमसी झील बहुत जल्द पर्यटन स्थल के रूप में विकसित की जाएगी। करीब दो करोड़ से झील का जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण कराया जाएगा। शासन द्वारा धनराशि जारी की जा चुकी है। बुधवार को औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना झील के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण के कार्यों का भूमिपूजन कर शिलान्यास करेंगे।
महाराजपुर की ऐतिहासिक सैमसी झील बदहाल पड़ी हुई है। अंग्रेजों के समय यह झील पर्यटन स्थल के रूप में विकसित थी।साइबेरियन पक्षियों के कलरव से झील गुंजायमान होती थी। सफेद कमल के फूल होते थे। अंग्रेज अपने परिवार के साथ नौका विहार करने आते थे। झील के आसपास का पूरा वातावरण प्राकृतिक छटा से परिपूर्ण रहता था। गंगा का किनारा होने के चलते यहां की सुंदरता पर्यटकों का मनमोह लेती थी। वर्ष भर झील पानी से भरी रहती थी, लेकिन समय के साथ धीरे-धीरे झील का अस्तित्व संकट में पड़ने लगा। झील पर अवैध कब्जे कर लोग खेती करने लगे, जिसके चलते बड़े भू-भाग पर फैली झील सिमटकर सीमित हो गई। ग्रामीणों की मांग पर पिछले साल औद्योगिक विकास मंत्री ने अधिकारियों के साथ झील का निरीक्षण कर जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण कराने के निर्देश दिए। जिसके बाद शासन से 200.54 लाख की धनराशि जारी कर दी गई है। बुधवार को सतीश महाना झील के पुनरुद्धार व सुंदरीकरण के कार्यों का शिलान्यास करेंगे। भदासा से शुरू होकर यह झील सैमसी, मूंजखेड़ा, रहनस होते हुए मंगतखेड़ा तक जाती है। एसडीएम नर्वल अमित ओमर ने बताया कि झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। चारों तरफ सोलर लाइटें लगाई जाएंगी। बहुत जल्द काम शुरू कराया जाएगा।