महोबा का ये ऐतिहासिक तालाब दस साल में पहली बार बारिश की बूंदों से हुआ लबालब

झमाझम बारिश से कस्बे का 800 वर्ष प्राचीन बर्मा तालाब 75 प्रतिशत तक भर गया है। करीब 52 एकड़ में फैले इस सरोवर की जल संचयन क्षमता के हिसाब से यह अब पूरे वर्ष भर नगर के लोगों के अलावा पशुओं को भी पानी उपलब्ध करा सकता है।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 03:39 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 03:39 PM (IST)
महोबा का ये ऐतिहासिक तालाब दस साल में पहली बार बारिश की बूंदों से हुआ लबालब
तालाब पिछले दस सालों में पहले बार पूरी तरह लबालब भर गया

महोबा, जेएनएन। जिले के ऐतिहासिक व पर्यटन की ²ष्टि से महत्वपूर्ण तालाबों व स्थलों को पुन: सहेजने को लेकर दैनिक जागरण की ओर से सहेज लो हर बूंद के तहत अभियान चलाया गया था। यह काफी सुखद रहा और लोग उससे जुड़े भी। इसी के तहत जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने कबरई के विशाल और ऐतिहासिक बर्मा तालाब को संवारने के लिए लोगों को आगे आने का आह्वान किया। आखिर उद्यमियों ने सहयोग कर इस तालाब की खोदाई प्रारंभ कराई। सभी के सहयोग से पूरा तालाब 21 दिन में तैयार हो गया था। इधर लगातार हो रही बारिश से यह तालाब पिछले दस सालों में पहले बार पूरी तरह लबालब भर गया।

मानसून सीजन की पहली ही झमाझम बारिश से कस्बे का 800 वर्ष प्राचीन बर्मा तालाब 75 प्रतिशत तक भर गया है। करीब 52 एकड़ में फैले इस सरोवर की जल संचयन क्षमता के हिसाब से यह अब पूरे वर्ष भर नगर के लोगों के अलावा पशुओं को भी पानी उपलब्ध करा सकता है। जून माह में कबरई बाईपास के उद्घाटन के लिए नगर में आए डीएम तथा सदर विधायक राकेश गोस्वामी से कस्बे के व्यापार मंडल ने प्राचीन बर्मा तालाब के खोदाई व सफाई कराने का अनुरोध किया था। प्राचीन विशाल तालाब के महत्व को समझते हुए डीएम ने सरकारी मदद की राह देखने की बजाय यहां के क्रशर उद्यमियों को आगे आने के लिए प्रेरित किया। उद्यमी कंचन पाठक व उनकी टीम ने इस नेक काम का बीड़ा उठाया और स्वयं के संसाधनों से तालाब की खोदाई का काम शुरू करा दिया। क्रशर उद्यमी संजय साहू व गौतम शर्मा ने पोकलैंड व डंपर देकर खोदाई की रफ्तार को तीन गुना कर दिया। वहीं अन्य उद्यमियों व व्यापारियों ने डीजल के लिए धन उपलब्ध करा कर मदद की। इस दौरान तालाब के अतिक्रमण को हटाने से लेकर तालाब के क्षेत्रफल की पैमाइश आदि के सरकारी कार्य को एसडीएम मो आवेश ने अपनी राजस्व टीम के माध्यम से अंजाम दिया।

जलस्रोत खुलने का मिला फायदा : विशाल बर्मा तालाब की खोदाई व सफाई के पश्चात इसके भरे जाने के लिए जलस्रोत में जहां अवरोध थे उन्हें खोल देने से उसका लाभ मिल सका। साथ ही बर्मा तालाब को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की पूरी संभावना बढ़ गई है। इसके 6 एकड़ में फैला विशाल तटबंध व पुरातात्विक आकर्षक घाट लोगों को लुभाते हैं। यहां Voting आदि की व्यवस्था हो जाएगी तो लोगों को मनोरंजन का साधन मिल सकता है।

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