पिता की सीख से बेटियां को आत्मनिर्भर बना रहीं हिमांशी
प्रेरणा स्कूलों में प्रशिक्षण देकर मिलने वाली राशि से पूरी करती हैं बच्चों की जरूरतें - ब
जागरण संवाददाता, कानपुर : बेटियों पर हो रही छीटाकशी से निजात दिलाने का जिम्मा ताइक्वांडो की राष्ट्रीय खिलाड़ी हिमांशी राठौर ने उठा रखा है। वे आत्मरक्षा कैंप के माध्यम से महिलाओं और बेटियों को निश्शुल्क ट्रेनिंग देती हैं। साथ ही मलिन बस्तियों में जाकर बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
मूलरूप से कर्रही निवासी विनीत राठौर की 20 वर्षीय बेटी हिमांशी हर सप्ताह एक दिन बस्तियों में जाकर महिलाओं व बेटियों को सेल्फ डिफेंस के गुर सिखाती हैं। जरूरत पड़ने पर इन्हें शिक्षा से जुड़ी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती हैं। इस पर आने वाले खर्च को वे अन्य स्कूलों में दिए जाने वाले प्रशिक्षण से मिलने वाली धनराशि से उठाती हैं। उनकी इस पहल का सहयोग अन्य लोग भी करते हैं।
पिता से सीखा हुनर, बना रहीं हुनरमंद
हिमांशी ने पिता व स्पोर्ट्स टीचर विनीत राठौर से ताइक्वांडो का ककहरा सीखकर नाम रोशन किया। बेटियों को सबल बनाने के लिए हिमांशी की ओर से की जा रही पहल का पिता ने भरपूर सहयोग दिया। वह बताती हैं पिता की प्रेरणा से ही सेल्फ डिफेंस के साथ जागरूकता अभियान, गरीब बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा, योग, रक्तदान जैसे अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती हूं। हिमांशी ने बताया कि लॉकडाउन में स्कूलों से धनराशि न मिलने पर मां नीलू राठौर ने घर खर्च से बचत कर मदद की और अभियान को थमने न दिया।