ब्रांडेड जींस और टी-शर्ट पहनकर मांगती थीं भीख, कानपुर पुलिस ने पकड़ीं आठ भिखारिनें

Hightech Lady Beggars Gang Caught काकादेव पुलिस ने पूछताछ के आधार पर गुजरात पुलिस से संपर्क किया तो पता चला कि यह सभी महिलाएं घुमंतू जाति की हैं जो कि अलग-अलग शहरों में भीख मांगती हैं और कई बार टप्पेबाजी भी कर जाती हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 07:05 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:05 PM (IST)
ब्रांडेड जींस और टी-शर्ट पहनकर मांगती थीं भीख, कानपुर पुलिस ने पकड़ीं आठ भिखारिनें
कानपुर पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। Hightech Lady Beggars Gang Caught  भिक्षावृत्ति को लेकर कमिश्नरेट द्वारा चलाए जा रहे अभियान में मंगलवार की रात जींस वाली भिखारिनें पकड़ी गईं, जो कि कार वालों से जबरन पैसा मांग रही थीं। सूचना पर पुलिस ने मौके से आठ महिलाओं को भीख मांगते धर दबोचा। 

काकादेव थाना पुलिस को मंगलवार को सूचना मिली की देवकी टाकीज चौराहे के पास आठ से 10 महिलाएं गोद में बच्चा लेकर भीख मांग रही हैं। महिलाओं ने शिकायतकर्ता की भी कार रोक ली थी और दो सौ रुपये देने के लिए जिद कर रही थीं। वाहनों को जबरन रोककर भीख मांग रही महिलाओं की सूचना पर पुलिस एक्टिव हुई और काकादेव थाना पुलिस ने महिला सिपाहियों के साथ सभी को पकड़ लिया। पकड़ी गई महिलाओं की पहचान अहमदाबाद गुजरात निवासी ओमी, माला वेन राजू भाई बरौट इसकी चार साल की बेटी, काजल बरौट, नीता, सपना, अंजली, अनीता अपने दो बच्चों के साथ, भोला किन्नर के रूप में हुई है। पुलिस ने सभी के खिलाफ भिक्षावृत्ति अधिनियम के तहत कार्रवाई की है। 

काम भीख मांगना, ठिकाना होटल: काकादेव पुलिस ने पूछताछ के आधार पर गुजरात पुलिस से संपर्क किया तो पता चला कि यह सभी महिलाएं घुमंतू जाति की हैं, जो कि अलग-अलग शहरों में भीख मांगती हैं और कई बार टप्पेबाजी भी कर जाती हैं। पता चला कि महिलाएं मूलरूप से राजस्थान की रहने वाली हैं, लेकिन बीते 20 सालों से गुजरात के अहमदाबाद में रह रही हैं। घाघरा चोली न पहनने की वजह बताते हुए कहा कि कई बार लोग बच्चा चोर समझ लेते हैं और भीख नहीं देते हैं। कई बार तो वह मार भी खा चुकी हैं, इसलिए जींस और टीशर्ट पहनती हैं ताकि लोग भीख दें। काकादेव थाना प्रभारी ने बताया कि सभी महिलाएं जरीब चौकी क्षेत्र में एक होटल में तीन हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से किराए का कमरा लेकर दस दिनों से ठहरी हुई थीं। 

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