दर्दभरी है गुलाब चंद और अख्तरी हुसैन की दास्तां, अपनों से मिली टीस पर पुलिस-प्रशासन ने लगाया मरहम

कानपुर के चकरेरी और बाबूपुरवा के दो ऐसे दर्दभरे मामले सामने आए हैं जो आज के समय में बुजुर्गों के साथ होने वाले व्यवहार को बयां करते हैं। बेटे-बहू ने प्रताड़ित करके बेघर कर दिया तो एसडीएम कोर्ट ने न्याय देकर उन्हें उनका अधिकार दिलाया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 09:47 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 05:34 PM (IST)
दर्दभरी है गुलाब चंद और अख्तरी हुसैन की दास्तां, अपनों से मिली टीस पर पुलिस-प्रशासन ने लगाया मरहम
पुलिस और प्रशासन ने बुजुर्गों को दिलाया अधिकार।

कानपुर, जेएनएन। अपने बच्चों को काबिल बनाने के लिए हर माता-पिता बचपन में उनकी अच्छी से अच्छी परवरिश करते है लेकिन जब वहीं बच्चे वयस्क होकर अपने बुजुर्ग मां-पिता के मुंह से रोटी और सिर से छत छीन लेते हैं तो दिल को ठेस पहुंचती है। ऐसी दर्दभरी दास्तां चकेरी के गुलाब चंद और बाबूपुरवा के अख्तरी हुसैन की है। अपनों से टीस मिलने पर उन्हें पुलिस-प्रशासन का सहारा मिला और एसडीएम कोर्ट ने न्याय दिलाया है। एसडीएम सदर की आदेश पर पुलिस ने बुजुर्गों को उनके मकान में रखा है।

बेटे ने बुजुर्ग को बाहर निकाल किराये पर उठाया था मकान

चकेरी के जेके कॉलोनी निवासी गुलाब चंद्र सेवानिवृत्त एयरफोर्स कर्मी है। उन्होंने बताया कि पत्नी की मौत के बाद वह बच्चों को सहारे थे। उन्होंने अपनी संपत्ति से एक मकान बेटे को और एक बेटी को दे दिया। बेटे ने अपने मकान को किराए पर उठा दिया। उसके बाद बेटा-बहू के साथ उनके मकान में आकर रहने लगा। इस बीच बेटे ने मकान में कब्जा कर लिया। साथ ही उन्हें मारपीट कर घर से निकाल दिया जिसके बाद उन्होंने एसडीएम सदर से मामले की शिकायत की।

उन्होंने जांच के बाद बेटे और बहू को मकान खाली करने के लिए बोला लेकिन वह नहीं मान रहे थे। जिसके बाद मजबूरन वृद्ध पुलिस कमिश्नर असीम अरुण से बेटे व बहू की शिकायत की, जिनके आदेश पर मंगलवार को एसीपी कैंट मृगांक शेखर पाठक वृद्ध के घर पहुंचे। उन्होंने वृद्ध के बेटे व बहू के मकान से निकालकर वृद्ध को कब्जा दिलाया। एसीपी कैंट मृगांक शेखर पाठक ने बताया कि वृद्ध को मकान का कब्जा दिलाया गया है। साथ ही उनके बहू व बेटे को दोबारा कब्जा करने पर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।

बुजुर्ग दंपती को बेटे-बहू करते थे प्रताड़ित

बाबूपुरवा थाने के नयापुरवा निवासी 69 वर्षीय बुजुर्ग अख्तर हुसैन व उनकी पत्नी को बेटा-बहू प्रताड़ित करते रहे। इसपर उन्होंने एसडीएम सदर दीपक पाल की कोर्ट में वरिष्ठ नागरिकों की जीवन सुरक्षा एवं भरण पोषण अधिनियम 2007 के तहत वाद दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि बड़ा बेटा उन्हें और उनकी पत्नी को प्रताड़ित करता है। पत्नी को मधुमेह के इलाज के लिए पैसा भी नहीं देता। साथ ही प्रताड़ित किया जाता है। एसडीएम ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि विपक्षीगण माता- पिता ख्याल रखेंगे उन्हें प्रताड़ित नहीं करेंगे। साथ ही उनके भरण पोषण के लिए हर माह दो हजार रुपये की आर्थिक मदद देगा। उन्हें एक अन्य बेटे को भी दो हजार रुपये हर माह देने के लिए कहा है।

अख्तर हुसैन ने अपने वाद में कहा है कि उनके दो अकील अख्तर और शकील अख्तर उनके मकान में रहते हैं। बड़ा बेटा शकील टेलरिंग का कार्य करता है और उसके साथ कई लोग काम करते हैं। इससे उसे हर माह 30 से 40 हजार रुपये की आय होती है। बावजूद इसके उन्हें वह कोई आर्थिक मदद नही करता। मदद मांगने पर धमकी भी देता है और घर से निकालने की बात कहता है। स्थिति यह है कि वह बीमार पत्नी का इलाज नहीं करा पा रहे हैं। एसडीएम ने कहा कि अब दोनों बेटे उन्हें हर माह दो- दो हजार रुपये देंगे।

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