फूलपुर विधायक की पत्नी पर टूटा दुखों का पहाड़, एक दिन के अंदर पहले मां और फिर पिता को दी मुखाग्नि

बिंदकी से दो बार विधायक रहे सुखदेव वर्मा की पत्नी का सोमवार को हुआ था। बेटी सोनाली ने ही उन्हें मुखाग्नि दी थी। उनकी चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि मंगलवार को सुखदेव प्रसाद वर्मा ने प्रयागराज के बेली रोड स्थित मोहक हास्पिटल में अंतिम सांस ली।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 10:59 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 10:59 PM (IST)
फूलपुर विधायक की पत्नी पर टूटा दुखों का पहाड़, एक दिन के अंदर पहले मां और फिर पिता को दी मुखाग्नि
पूर्व विधायक सुखदेव प्रसाद वर्मा की चिता को मुखाग्नि देती पुत्री सोनाली।

फतेहपुर, जेएनएन। जरा सोचिए उस बेटी के दिल पर क्या गुजर रही होगी जिसने सोमवार को अपनी मां को दुनिया से विदा किया और अगले ही दिन पिता को भी मुखाग्नि दी। पिता की चिता के सामने मंगलवार को इकलौती बेटी सोनाली उर्फ गोल्डी सामने काठ बन खड़ी थी। आंखों से झरते बेसाख्ता आंसू बता रहे थे कि एक के बाद एक नियति के वज्रपात ने उसका कलेजा चाक कर दिया है। 

काल के इस क्रूर खेल का साक्षी बनने को जो लोग शहीद स्थल बावनी इमली के पास स्थित रामपाल विटाना देवी महाविद्यालय में  पहुंचे हैं, नियति को कोस रहे हैं। हर लब पर बेटी की इस बेइंतेहाई बेचारगी की बातें हैं। तभी आवाज आती है- आह...क्या गुजर रही होगी इस बेटी के दिल पर, जिसने एक रोज पहले मां को आग दी और अब पिता को मुखाग्नि देने जा रही है। पूर्व विधायक 65 वर्षीय सुखदेव प्रसाद वर्मा को आग देते वक्त बेटी सोनाली के सब्र का बांध आंसुओं के सैलाब में बह चुका है। मौजूद लोगों की आंखों से भी गंगा-जमुना बह उठी है। लोग अपने आंसू भूलकर बेटी को ढांढ़स बंधा रहे हैं। सोनाली के पति फूलपुर के विधायक प्रवीण पटेल पत्नी को सहारा देने में जुट जाते हैं। कारागार मंत्री जय कुमार सिंह जैकी, विधायक करण सिंह पटेल, पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह पटेल, नपा अध्यक्ष मुन्ना लाल सोनकर ने सुखदेव प्रसाद वर्मा सहित हर किसी की आंखें बेटी की पीर से लबालब हैं।

बिंदकी से दो बार विधायक रहे सुखदेव वर्मा: बिंदकी से दो बार विधायक रहे सुखदेव वर्मा की पत्नी का सोमवार को हुआ था। बेटी सोनाली ने ही उन्हें मुखाग्नि दी थी। उनकी चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि मंगलवार को सुखदेव प्रसाद वर्मा ने प्रयागराज के बेली रोड स्थित मोहक हास्पिटल में अंतिम सांस ली। उनका हार्ट अटैक से निधन हो गया। वह वहां 22 दिन से वहां भर्ती थे। मूलरूप से बिंदकी तहसील के सिक_नपुर गांव निवासी सुखदेव प्रसाद वर्मा ने 1990 में निर्विरोध ग्राम प्रधान बन सियासी सफर शुरू किया था। वर्ष 2002 में वह पहली बार बिंदकी विधानसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से मैदान में उतरे। हालांकि, जीत हासिल नहीं हुई। 2007 में फिर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते। साल 2012 में पार्टी ने फिर उन पर भरोसा जताया और वह विधानसभा पहुंचे। साल 2017 में फिर लड़े लेकिन हार गए। इसके बाद वर्ष 2019 में लोकसभा का भी चुनाव लड़ा, जिसमें पराजित हुए। लम्बे समय से कानपुर नगर के शिवकटरा मोहल्ले में रह रहे थे। 

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