हमीरपुर में मां के निधन के दूसरे दिन ही मरीजों की सेवा में जुटे गए एकलौते Physicians
जिला अस्पताल में तैनात फिजीशियन डॉ.आरएस प्रजापति की मां का निधन शुक्रवार को हो गया था। बांदा पहुंचकर उन्होंने अपनी मां का अंतिम संस्कार विधि विधान से किया और मुखाग्नि देने के बाद वह वापस जिला अस्पताल लौट आए और मरीजों की सेवा में तल्लीन दिखाई दिए।
कानपुर, जेएनएन। डॉक्टरों को भगवान का रूप कहा गया है। यह बात उस समय सिद्ध होती नजर आई। जब जिला अस्पताल में फिजीशियन के पद पर तैनात डॉ. आरएस प्रजापति ने अपनी मां के निधन पर उनको मुखाग्नि देने के बाद दूसरे दिन से ही अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करते हुए मरीजों का इलाज करना शुरू किया। जिस स्टाफ की नजर उन पर पड़ी।
सभी ने उनकी कर्तव्य निष्ठा को सराहा। जिला अस्पताल में तैनात फिजीशियन डॉ.आरएस प्रजापति की मां का निधन शुक्रवार को हो गया था। बांदा पहुंचकर उन्होंने अपनी मां का अंतिम संस्कार विधि विधान से किया और मुखाग्नि देने के बाद वह वापस जिला अस्पताल लौट आए और मरीजों की सेवा में तल्लीन दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि बीते कई दिनों से उनकी मां की तबियत बिगड़ी नजर आ रही थी। शुक्रवार को उनके निधन की खबर जब उनको लगी तो वह बांदा पहुंचे और अपनी मां का अंतिम संस्कार किया।
अंतिम संस्कार के बाद फिर वह मुख्यालय लौट आए और दूसरे दिन से मरीजों की सेवा में जुट गए। कोरोना संक्रमण काल के दौरान एक चिकित्सक के द्वारा अपने परिवार के दुख को न देखकर मरीजों के दुख को देखते हुए उनका इलाज करना उन्होंने अपना पहला कर्तव्य बताया, जिसको भी चिकित्सक की इस कहानी के बारे में पता चला तो हर किसी ने यही कहा कि वास्तव में ऐसे डॉक्टर ही धरती के कहे जाते हैं।