हमीरपुर में छात्रा को अगवा करने के मामले में महिला को पांच और अभद्रता के आरोपित को दो साल की कैद

मुस्करा थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 17 मार्च 2015 को चार लोगों पर उसकी नाबालिग बहन को बहला फुसलाक जाने का मुकदमा दर्ज कराया। जिसमें उसने बताया कि 16 मार्च की रात उसकी बहन को गांव का रामऔतार शादी की बात कह बहला फुसलाकर ले गया।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 06:24 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 06:24 PM (IST)
हमीरपुर में छात्रा को अगवा करने के मामले में महिला को पांच और अभद्रता के आरोपित को दो साल की कैद
कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा की प्रतीकात्मक फोटो।

हमीरपुर, जेएनएन। छह वर्ष पूर्व मुस्करा थानाक्षेत्र के एक गांव में किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म के मामले में अपहरण की आारोपित एक महिला व गालीगलौज कर धमकी देने वाले आरोपित को अदालत ने सजा सुनाई है। जिसमें महिला को पांच साल का कारावास व पांच हजार रुपये का जुर्माना के साथ धमकी देने के आरोपित को दो वर्ष का कारावास व दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं साक्ष्य के अभाव में तीसरे आरोपित को बरी कर दिया। इसके अलावा दुष्कर्म के नाबालिग आरोपित का मामला जुमिनाइल कोर्ट में विचाराधीन है।

 लोक अभियोजक पाक्सो द्वितीय अवध नरेश ङ्क्षसह चंदेल ने बताया कि मुस्करा थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 17 मार्च 2015 को थाने में गांव निवासी चार लोगों पर उसकी नाबालिग बहन को बहला फुसलाक जाने का मुकदमा दर्ज कराया। जिसमें उसने बताया कि 16 मार्च की रात उसकी बहन को गांव का रामऔतार पुत्र केशव कुशवाहा शादी की बात कह बहला फुसलाकर ले गया। जिसमें आरोपित का पिता मां व भाई सम्मिलित रहे। मामले की दौरान विवेचना आरोपित रामऔतार की भाभी कमला व रिश्तेदार धर्मदास का नाम प्रकाश में आया। जिस पर विवेचक ने रामऔतार, केशव, कमला व धर्मदास के खिलाफ अपहरण, गालीगलौज, धमकी व दुष्कर्म के साथ साजिश रचने के साथ 16 पाक्सो एक्ट के तहत आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। वहीं पूर्व में आरोपित बनाई गई रामऔतार की मां व भाई को मामले अलग कर दिया। दुष्कर्म के आरोपित के घटना के दौरान नाबालिग होने पर उसका विचारण जुमिनाइल कोर्ट में पहुंच गया। वहीं केशव, कमला व धर्मदास के मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट द्वितीय नीरज महाजन द्वारा की गई। जिसमें उन्होंने कमला को अपहरण व केशव को गाली गलौज कर धमकाने का दोषी माना। जिस पर कमला को पांच वर्ष का कठोर कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माना सुनाया। इसी प्रकार केशव को दो वर्ष का कारावास व दो हजार रुपये जुर्माना सुनाया है। वहीं मामले में तीसरे आरोपित धर्मदास को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। 

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