ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड का फैसला...हालमार्किंग की अनिवार्यता निर्माता से ही शुरू की जाएगी
सालाना कारोबार करने वाले व्यापारी भी हालमार्क का माल बेच सकते हैं। साथ ही निर्माता या थोक विक्रेता बिक्री के लिए जेवर ले जाते हैं और फुटकर विक्रेता उनमें से जेवर छांट लेता है तो उन जेवरों की हालमार्किंग कराने की जिम्मेदारी भी निर्माता या थोक विक्रेता की होगी।
कानपुर, जेएनएन। सराफा कारोबारियों के लिए हालमार्क में एक और बड़ी राहत है। ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) के मुताबिक हालमार्किंग की अनिवार्यता निर्माता से ही शुरू की जाएगी। इसके बाद यदि थोक या फुटकर कारोबारी चाहें तो हालमार्किंग करा सकते हैं। इसके अलावा बाजार में हालमार्क का पंजीयन लेने वाले कारोबारी अलग से नजर आएंगे। उन्हेंं अपने बोर्ड पर हालमार्क का चिह्न लगाने की छूट रहेगी। जिन्होंने पंजीयन नहीं लिया होगा, वे बोर्ड पर यह चिह्न नहीं लगा सकेंगे। 40 लाख से नीचे का सालाना कारोबार करने वाले व्यापारी भी हालमार्क का माल बेच सकते हैं। साथ ही निर्माता या थोक विक्रेता बिक्री के लिए जेवर ले जाते हैं और फुटकर विक्रेता उनमें से जेवर छांट लेता है तो उन जेवरों की हालमार्किंग कराने की जिम्मेदारी भी निर्माता या थोक विक्रेता की होगी। इसमें दो ग्राम तक के जेवर हालमार्क से मुक्त रहेंगे।
दो कमेटी भी बनेंगी : इसमें दो कमेटी बनेंगी। पहली कमेटी ग्रुप के नाम से जानी जाएगी। इसमें बीआइएस अधिकारी, निर्माता, थोक, फुटकर व्यापारी, वकील, तकनीकी विशेषज्ञ शामिल होंगे। दूसरा एडवाइजरी कमेटी होगी, जो बाद में बनेगी।
हालमार्क से जुड़े प्रमुख बिंदु
बुलियन भी हालमार्क के दायरे में लाए गए हैं। इसमें सिक्के भी शामिल हैं। 20, 23 व 24 कैरेट की अधिसूचना एक सप्ताह में जारी होने की उम्मीद। जहां हालमार्क सेंटर नहीं हैं, वहां बीआइएस के अधिकारी शिविर लगा प्रमोशन करेंगे। जहां हालमार्क सेंटर खुल जाएंगे, वहां हालमार्किंग अनिवार्य हो जाएगी।इनका ये है कहना