किशोरी से विवाह करना पड़ा भारी, जमानत अर्जी खारिज
किशोरी से विवाह के एक मामले में विशेष न्यायाधीश पाक्सो प्रथम कांत ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।
जागरण संवाददाता, कानपुर : किशोरी से विवाह के एक मामले में विशेष न्यायाधीश पाक्सो प्रथम कांत ने युवक की जमानत अर्जी खारिज कर दी। किशोरी ने अपने कलमबंद बयान में कहा था कि उसने युवक के साथ अपनी मर्जी से प्रेम विवाह किया था। उसे दो माह का बेटा भी है।
रायपुरवा निवासी महिला ने रायपुरवा थाने में 10 नवंबर 2018 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि पड़ोसी राम प्रकाश उनकी 15 वर्षीय बेटी को बहला फुसलाकर ले गया है। पुलिस ने 24 नवंबर 2019 को राम प्रकाश को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। किशोरी के कलमबंद बयान अदालत में दर्ज कराए गए। किशोरी ने कहा था कि वह अपनी मर्जी से राम प्रकाश के साथ गई थी। मंदिर में उन दोनों ने प्रेम विवाह भी किया था। गुरुवार को आरोपित की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने किशोरी के बयान और युवक के लंबे समय से जेल में रहने की दलील देते हुए जमानत की मांग की। सहायक शासकीय अधिवक्ता अजय प्रकाश सिंह व ओमकार नाथ वर्मा ने बताया कि अपहरण और दुष्कर्म के मामले में नाबालिग की सहमति का कोई महत्व नहीं होता। इसी के चलते न्यायालय ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।
-----
किशोरी से दुष्कर्म में नहीं मिली जमानत
कानपुर : कर्नलगंज निवासी महिला ने तहरीर दी थी कि पड़ोसी गयासुद्दीन उनकी 13 वर्षीय बेटी से कई दिनों से दुष्कर्म कर रहा था। अचानक बेटी की हालत बिगड़ी तो उसके गर्भवती होने की जानकारी हुई। एडीजीसी ओमेंद्र कुमार दीक्षित ने बताया कि किशोरी के कलमबंद बयान नहीं हुए हैं। उसकी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट अपराध की गंभीरता को बताने के लिए पर्याप्त थी। न्यायालय ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए आरोपित को जमानत देने से इन्कार कर दिया। गयासुद्दीन 28 मार्च से जेल में है।