GT ROAD को सिक्सलेन किए जाने की उम्मीद बढ़ी, मंत्रालय ने पूछा-बिजली के पोल और सीवर लाइन हटाने में कितना होगा खर्च

एनएच पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता ने प्रस्ताव भेजा और कंसलटेंट नामित करने की अनुमति मांगी। मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूर करने का संकेत देते हुए पूछा है कि बिजली के पोल ट्रांसफार्मर सीवर लाइन पेयजल लाइन हटाने में कितने रुपये खर्च होंगे।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Thu, 31 Dec 2020 09:23 AM (IST) Updated:Thu, 31 Dec 2020 01:00 PM (IST)
GT ROAD को सिक्सलेन किए जाने की उम्मीद बढ़ी, मंत्रालय ने पूछा-बिजली के पोल और सीवर लाइन हटाने में कितना होगा खर्च
जल्द इस प्रोजेक्ट को मंत्रालय से हरी झंडी मिल जाएगी

कानपुर, जेएनएन। पालीटेक्निक चौराहा से रामादेवी चौराहे तक जीटी रोड को छह लेन करने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो बहुत ही जल्द इस प्रोजेक्ट को मंत्रालय से हरी झंडी मिल जाएगी और फिर कंसलटेंट नामित कर दिया जाएगा। कंसलटेंट ही बताएगा कि टाटमिल, अफीम कोठी, जरीब चौकी, गुमटी और कोकाकोला चौराहा में से किस पर फ्लाईओवर बनाने की जरूरत पड़ेगी। राजमार्ग सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने  एनएच पीब्डल्यूडी के अधीक्षण अभियंता से पूछा है कि सड़क चौड़ीकरण के लिए कितने पेड़ काटने होंगे। वहीं कितने पोल, ट्रांसफार्मर, धार्मिक स्थल, सीवर लाइन, पेयजल लाइन, दूरसंचार से जुड़ी केबल आदि को शिफ्ट करना पड़ेगा।

जाम की समस्या से मिलेगी निजात

जीटी रोड पर टाटमिल, अफीम कोठी, जरीब चौकी चौराहों पर आए दिन जाम लगता है। पांच साल पहले कल्याणपुर से पालीटेक्निक चौराहे तक इस मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग से अलग कर एनएच पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में दिया गया और फिर इसका चौड़ीकरण हुआ। अब अलीगढ़ से कानपुर तक जीटी रोड को फोर लेन किया जा रहा है। फोर लेन होते ही इस मार्ग पर यातायात का दबाव बढ़ जाएगा, जिससे जाम की समस्या विकराल होगी। मंडलायुक्त की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समग्र विकास समिति की बैठक में इस मार्ग को छह लेन का करने के लिए मंत्रालय को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद एनएच पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता ने प्रस्ताव भेजा और कंसलटेंट नामित करने की अनुमति मांगी। मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूर करने का संकेत देते हुए पूछा है कि बिजली के पोल, ट्रांसफार्मर, सीवर लाइन, पेयजल लाइन हटाने में कितने रुपये खर्च होंगे। धार्मिक स्थल हटाने के बाद उसे बनाना भी होगा। 

इनका ये है कहना

मंत्रालय स्तर से जरूरी जानकारियां मांगी गई हैं। जल्द ही सर्वे कराकर रिपोर्ट भेज दी जाएगी। इसके बाद कंसलटेंट नामित किया जाएगा। कंसलटेंट ही बताएगा कि किन चौराहों पर फ्लाईओवर की स्थापना करनी होगी।                                                                 एसए उस्मानी, अधीक्षण अभियंता एनएच पीडब्ल्यूडी 

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