जीटी रोड चौड़ीकरण में रोड़ा, करोड़ों मुआवजा लेने के बाद अब कब्जा छोडऩे को तैयार नहीं

कानपुर से कन्नौज तक जीटी रोड को फोरलेन करने का काम किया जा रहा है बिल्हौर से चौबेपुर के बीच कई लोग मुआवजा लेने के बाद कब्जा नहीं छोड़ रहे हैं जिससे बाधा उत्पन्न हो रही है और मंधना में भी आरओबी का अटका है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 07:48 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 07:48 AM (IST)
जीटी रोड चौड़ीकरण में रोड़ा, करोड़ों मुआवजा लेने के बाद अब कब्जा छोडऩे को तैयार नहीं
जीटी रोड कानपुर से कन्नौज तक चौड़ी हो रही है।

कानपुर, जेएनएन। कानपुर से कन्नौज तक जीटी रोड को फोरलेन करने के काम में बाधा आ रही है। मंधना और बिल्हौर के बीच पांच कोल्ड स्टोर मालिक, एक गेस्ट हाउस संचालक, दो स्कूलों के प्रबंधक, दो फ्लोर और राइस मिल, एक ढाबा, एक फैक्ट्री मालिक, एक पेट्रोल पंप मालिक ने मुआवजा लेने के बाद भी कब्जा नहीं छोड़ा है। उनके कब्जा छोडऩे में की जा रही आनाकानी अब जीटी रोड चौड़ीकरण में बाधा बन गई है। फैक्ट्री मालिक ने तो 15 करोड़ से अधिक का मुआवजा ले लिया है। कब्जा छोडऩे के लिए एनएचएआइ द्वारा भेजे गए पत्र का मालिक ने कोई जवाब भी नहीं दिया। मुआवजा लेने के बाद एक भूस्वामी ने झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकियां भी अफसरों को दी हैं। मंधना रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज भी नहीं बन पा रहा है।

कानपुर से अलीगढ़ तक जीटी रोड के चौड़ीकरण का काम हो रहा है। जीटी रोड वैसे तो चार लेन की बनेगी, लेकिन इसका स्ट्रक्चर छह लेन का होगा ताकि भविष्य में जरूरत पड़े दो लेन और बनाई जा सके। अलीगढ़ से मैनपुरी के कन्नौज बार्डर तक 80 फीसद काम हो गया है। मैनपुरी से कन्नौज के कानपुर बार्डर तक और कन्नौज बार्डर से आइआइटी तक अलग-अलग कंपनियों को काम दिया गया है। 90 फीसद से अधिक लोगों ने मुआवजा ले लिया है। पांच फीसद ऐसे लोग हैं जो कब्जा नहीं छोड़ रहे हैं।

एनएचएआइ को मंधना से चौबेपुर बाईपास तक फ्लाईओवर बनाना है। इसके लिए कुछ फैक्ट्रियों, स्कूलों, पेट्रोल पंप, कोल्ड स्टोर, फ्लोर मिल, राइस मिल का भी अधिग्रहण किया गया है। उन्हें मुआवजा भी मिल गया। एक फैक्ट्री मालिक ने तो एनएचएआइ को कब्जा देने से मना तो किया ही, अफसरों को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकियां भी दे दीं। इसके बाद एनएचएआइ ने अभी तक भवन को गिराने और कब्जा लेने की कोशिश नहीं की है, क्योंकि उसके कुछ अफसर परेशान हैं। परिणाम स्वरूप अब वहां काम नहीं हो पा रहा है।

इन गाटा संख्या पर नहीं मिला कब्जा : गांगूपुर में गाटा संख्या 133, हसौली में गाटा संख्या 181, धौरहरा में गाटा संख्या 243, बकोठी में गाटा संख्या 1258, नेवादा ऊघौ में गाटा संख्या 85, 86, मरियानी में गाटा संख्या 86, 65, 131, भिंडुरी में गाटा संख्या 300, अमिलिहा में गाटा संख्या 502, 593, 595, 900, भवानीपुर में गाटा संख्या 130, 131,132 का मुआवजा बांट दिया गया है, लेकिन इन पर कब्जा नहीं मिला है।

जीटी रोड पर एक नजर

2052 करोड़ रुपये से कानपुर से कन्नौज तक चौड़ीकरण की लागत।

218.25 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है इस कार्य के लिए।

250 करोड़ रुपये का मुआवजा अभी बांटा जाना है।

450 करोड़ रुपये मुआवजा बांट दिया गया है।

-कुछ लोगों ने मुआवजा लेने के बाद भी जमीन पर कब्जा नहीं छोड़ा है। वे कब्जा देने को तैयार हो जाएं तो जल्द वहां जीटी रोड के चौड़ीकरण का कार्य शुरू कर दिया जाए। समय से कब्जा मिलेगा तो काम भी समय से खत्म हो जाएगा। -प्रशांत दुबे, परियोजना निदेशक एनएचएआइ कन्नौज

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