हृदय रोग संस्थान की मनमानी पर GSVM ने जताया एतराज, बिना अनुमति तुड़वाई बाउंड्रीवाल
मेडिकल कॉलेज के न्यू टाइप-4 एवं गल्र्स हॉस्टल की बिना अनुमति तुड़वाई बाउंड्रीवाल। बिना अनुमति बाउंड्रीवाल तोडऩे पर चिकित्सा शिक्षकों ने प्राचार्य से जाकर की शिकायत। बहुमंजिला रेजीडेंट आवास एवं मेस का निर्माण कराया जा रहा है। जबकि शासन से पुराने वार्ड को ध्वस्त कराने की अनुमति मिली है।
कानपुर, जेएनएन। लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान के निदेशक ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से अनुमति लिए बगैर ही मेडिकल कॉलेज की बाउंड्रीवाल ध्वस्त करा दी है। इसमें मेडिकल कॉलेज का न्यू टाइप-4 आवासीय परिसर एवं गल्र्स हॉस्टल की बाउंड्रीवाल है। बिना अनुमति के बाउंड्रीवाल तोडऩे की शिकायत वहां रहने वाले चिकित्सा शिक्षकों ने प्राचार्य से जाकर की है। प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने हृदय रोग संस्थान के निदेशक की मनमानी पर एतराज जताया है।
बहुमंजिला रेजीडेंट आवास एवं मेस का कराया जा रहा निर्माण
लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान के निदेशक ने संस्थान के विस्तार के लिए संक्रामक रोग अस्पताल (आइडीएच) की भूमि शासन से अपने नाम करा ली है। इस भूमि पर बहुमंजिला रेजीडेंट आवास एवं मेस का निर्माण कराया जा रहा है। जबकि शासन से पुराने वार्ड को ध्वस्त कराने की अनुमति मिली है। इसके बाद भी निदेशक ने निर्माण कार्य करा रहे कार्यदायी संस्था के ठेकेदार को बिना प्राचार्य की अनुमति के स्नातकोत्तर बालिका छात्रावास (पीजी गल्र्स हॉस्टल) की बाउंड्रीवाल को तुड़वा दिया। अतिरिक्त भूमि लेते हुए बाउंड्री का निर्माण अपने हिसाब से कराया है। इसी तरह सोमवार को आइडीएच के ठीक पीछे स्थित चिकित्सा शिक्षकों के आवासीय परिसर न्यू टाइप-4 की बाउंड्री तुड़वा कर अपने हिसाब से निर्माण कार्य शुरू करा दिया था। इस पर उस परिसर में रहने वाले सभी शिक्षक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के पास पहुंच गए। सभी ने जाकर प्राचार्य से शिकायत की। प्राचार्य प्रो. आरबी कमल तत्काल मौके पर पहुंच गए। चिकित्सा शिक्षकों के साथ जाकर एतराज जताया है। बिना अनुमति के सरकारी निर्माण तुड़वाने पर नाराजगी जताई है।
इनका ये है कहना
हृदय रोग संस्थान के निदेशक ने पहले बिना अनुमति के आवासीय परिसर की तरफ ऑक्सीजन प्लांट लगवा दिया। अब उसी तरफ मेस का निर्माण भी करा रहे हैं। इसके लिए बिना अनुमति के मेडिकल कॉलेज का सरकारी निर्माण तुड़वा कर अपने हिसाब से निर्माण कार्य करा रहे हैं। इसकी शिकायत चिकित्सा शिक्षकों ने की थी। जब पर मौके पर जाकर देखा और आपत्ति जताई है। - प्रो. आरबी कमल, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।