जीएसवीएम मेडिकल कालेज को अपग्रेड करने की तैयारी, टेलीमेडिसिन व टेली आइसीयू का बनेगा हब
कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कालेज प्रशासन ने अपग्रेड करने के लिए 58 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है टेलीमेडिसिन व टेली आइसीयू का हब बनने पर तीन राजकीय मेडिकल कालेजों एवं 20-25 जिले के विशेषज्ञों को कंट्रोल किया जाएगा।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना की पहली और दूसरी लहर से सबक लेते हुए जीएसवीएम मेडिकल कालेज को अपग्रेड किया जा रहा है ताकि किसी भी प्रकार की चिकित्सकीय आपात स्थिति से निपटा जा सके। हास्पिटल इंफार्मेशन सिस्टम को दुरुस्त किया जा रहा है। इसके जरिये मेडिकल कालेज को टेलीमेडिसिन एवं टेली आइसीयू का हब बनाया जाएगा। यहां के विशेषज्ञ आनलाइन तीन राजकीय मेडिकल कालेजों एवं 20-25 जिलों के विशेषज्ञों को कंट्रोल करेंगे। उन्हें प्रशिक्षित करने के साथ-साथ मरीजों के इलाज के गुर भी बताएंगे।
कोरोना महामारी की पहली व दूसरी लहर में मरीजों की संख्या बढऩे पर चिकित्सकीय सुविधाएं चरमरा गई थीं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने इमरजेंसी कोविड रिस्पांस पैकेज (ईसीआरपी) फेज टू के तहत राजकीय मेडिकल कालेजों को अपग्रेड करने के लिए राज्य सरकारों को धनराशि आवंटित की है। शासन ने प्रमुख राजकीय मेडिकल कालेजों से प्रस्ताव मांगे हैं। जीएसवीएम को अपग्रेड करने के लिए टेलीमेडिसिन सिस्टम, हास्पिटल इंफार्मेशन सिस्टम व इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) की क्षमता के विस्तार का प्रस्ताव तैयार किया गया है। सुविधाएं, संसाधन जुटाने के लिए शासन से 33.5 करोड़ रुपये मिलने हैं, जबकि कालेज प्रशासन ने 58 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कराया है।
ये सुविधाएं होंगी अपग्रेड
हास्पिटल इंफार्मेशन सिस्टम : अस्पताल में मरीजों से जुड़ा सभी रिकार्ड आनलाइन कर दिया जाएगा। मरीज का डिस्चार्ज, एडमिशन, दवाएं, पैथालाजिकल एवं रेडियो डायग्नोस्टिक जांच रिपोर्ट का अदान-प्रदान करेंगे। मरीजों का रिकार्ड भी आनलाइन उपलब्ध होगा। रिकार्ड सेक्शन को भी आनलाइन कर दिया जाएगा।
टेलीमेडिसिन सिस्टम : इसे बेहतर बनाने के लिए अलग कक्ष, उच्च क्षमता के कंप्यूटर एवं उच्चस्तरीय गुणवत्ता के कैमरे लगाए जाएंगे। ताकि मेडिकल कालेज के विशेषज्ञ 20-25 जिलों के विशेषज्ञों एवं जिला अस्पतालों के मरीजों को आनलाइन परामर्श दे सकें। उनके इलाज की समीक्षा एवं स्थिति पर भी चर्चा करेंगे।
टेली आइसीयू : टेली आइसीयू के जरिये जीएसवीएम के विशेषज्ञ दूसरे मेडिकल कालेजों एवं जिला अस्पतालों के डाक्टरों को क्रिटिकल केयर की जानकारी देंगे। आइसीयू में भर्ती मरीजों के इलाज एवं उनकी जटिलताएं दूर करने में भी मदद करेंगे। उनकी आनलाइन मानीटङ्क्षरग भी करेंगे।
आइसीयू के बढ़ेंगे 100 बेड : मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग में 25 बेड, सर्जरी विभाग में 25 बेड, चेस्ट अस्पताल में छह बेड, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में 25 बेड और इमरजेंसी में 19 बेड बढ़ाए जाएंगे।
42 बेड का पीआइसीयू : यहां के बाल रोग विभाग में 10-12 जिलों के बच्चे गंभीर स्थिति में इलाज के लिए आते हैं। इसलिए 42 बेड का पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट यानी पीआइसीयू बनाया जाएगा। इसका भी प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया है।
इसका भी होगा बंदोबस्त
- छह माह के लिए दवाओं की उपलब्धता।
- चार लिक्विड आक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे।
- बचे हुए वार्डों में आक्सीजन पाइप लगाई जाएगी।
-मेडिकल कालेज को 20-25 जिलों के लिए टेलीमेडिसिन एवं टेली आइसीयू का हब बनाएंगे। सुविधाएं एवं संसाधन बढ़ाने के लिए 58 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है, ताकि इसे अपग्रेड किया जा सके। वहीं, शासन आइसीयू के लिए प्रति बेड 16 लाख रुपये देगा, जिसमें बेड एवं उपकरण भी शामिल हैं। -प्रो. संजय काला, प्राचार्य जीएसवीएम मेडिकल कालेज