कोरोना से मौतों की डाटा फीडिंग में लापरवाही पर एलएलआर अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक को हटाया
बीते अप्रैल माह में कानपुर में कोरोना संक्रमण पीक पर था और प्राचार्य व उपप्राचार्य भी संक्रमित हो गई थीं। इस दरमियान कोरोना से हुई मौतों की डाटा फीडिंग में लापरवाही बरती गई जिसे देखते हुए शासन ने कार्रवाई की है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर के पीक के दौरान हुई गड़बडिय़ों पर शासन ने सख्त रूख अपनाया है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल में डाटा फीडिंग में लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डाॅ. ज्योति सक्सेना को हटाते हुए महानिदेशालय से संबद्ध कर दिया गया है। डाटा फीडिंग की प्रभारी प्रो. सीमा निगम समेत पांच चिकित्सा शिक्षकों के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए हैं। शासन ने जांच की जिम्मेदारी मंडलायुक्त को सौंपी है।
अप्रैल माह में कोरोना की पीक में एलएलआर अस्पताल में कोरोना से 136 मौतों के डाटा की फीडिंग नहीं हो सकी थी। इस दौरान प्राचार्य प्रो. आरबी कमल व उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि संक्रमित हो गईं थीं। जिस वजह से इस अवधि में जमकर लापरवाही हुई। महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर डाटा समान न होने पर गड़बड़ी की आंशका पर जांच कराई। जांच कमेटी ने उसे ठीक कराया, लेकिन लापरवाही बरतने वालों की रिपोर्ट शासन को भेज दी।
-ऐसी जानकारी मिली है कि डाटा इंट्री में गड़बड़ी और मौतों का रिकार्ड विलंब से अपडेट करने के मामले में शासन ने हटाया है। आदेश की प्रति मिलने के बाद ही पूरा मामला पता चलेगा। -डा. ज्योति सक्सेना, प्रमुख अधीक्षक, एलएलआर अस्पताल।
-प्रमुख अधीक्षक दायित्वों का भली प्रकार निर्वहन नहीं कर सकी हैं। कई तरह की शिकायतें भी रहीं। इन शिकायतों देखते हुए शासन ने उन्हें यहां से हटाकर निदेशालय परिवार कल्याण भेज दिया है। शासन ने कोविड डाटा फीङ्क्षडग में लापरवाही बरतने पर प्रभारी समेत पांच चिकित्सा शिक्षकों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। मंडलायुक्त के स्तर से गठित कमेटी जांच करेगी। -प्रो. आरबी कमल, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।