Coronavirus: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को मिला कोरोना का अासान इलाज, पीसीटी से मिल रहे बेहतर परिणाम

कानपुर के मेडिकल कॉलेज में 100 से ज्यादा केस स्टडी में प्रो कैल्शिटोनिन टेस्ट का महत्व पता चला है जिससे इलाज आसान हुआ है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 09:49 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 01:47 PM (IST)
Coronavirus: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को मिला कोरोना का अासान इलाज, पीसीटी से मिल रहे बेहतर परिणाम
Coronavirus: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को मिला कोरोना का अासान इलाज, पीसीटी से मिल रहे बेहतर परिणाम

कानपुर, जेएनएन। प्रो कैल्शिटोनिन टेस्ट (पीसीटी) की मदद से कोरोना की पहचान और इलाज में आसानी हुई है। इसकी अहमियत गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज को लेकर अध्ययन में पता चली है। संक्रमित के अस्पताल पहुंचते ही पीसीटी होने से दूसरे संक्रमण का पता चलने से इलाज की दिशा तय कर बेहतर परिणाम मिले हैं।

प्रदेश के साथ ही कानपुर में कोरोना संक्रमण तेजी के साथ बढ़ा है। अब गंभीर मरीजों की संख्या और मौत के आंकड़ों ने रफ्तार पकड़ ली है। इसीलिए जीएसवीएम के रेस्पिरेट्री मेडिसिन के प्रोफेसर एवं पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. सुधीर चौधरी अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने अब तक विभिन्न शहरों के 100 से अधिक संक्रमितों की केस स्टडी की है। इसमें पता चला है कि कोरोना वायरस श्वसन तंत्र के जरिए फेफड़े के निचले हिस्से में पहुंच कर गैस एक्सजेंच चेंबर में संक्रमण करता है। इससे फेफड़े की छोटी-छोटी रक्तनलिकाओं में खून के थक्के जमने से सांस लेने में दिक्कत शुरू होती है। शरीर में ऑक्सीजन की तेजी से कमी होने से बैक्टीरियल इंफेक्शन बढ़ जाता है। इन मरीजों की पीसीटी कराई गई।

पीसीटी सामान्य यानी सिर्फ कोरोना

डॉ. चौधरी का कहना है कि पीसीटी सामान्य आने से स्पष्ट है कि ऐसे मरीज को सिर्फ कोरोना वायरस का ही संक्रमण है। उन्हें एंटी वायरल ड्रग चलाने के साथ ऑक्सीजन की मॉनीटङ्क्षरग कर आसानी से बचाया जा सकता है। अस्पताल में भर्ती होते ही हर कोरोना संक्रमित का पीसीटी जरूर कराएं। इससे वायरस या उसके साथ बैक्टीरियल इंफेक्शन का पता लगने से इलाज में बेहतरी से मौतें रुक सकती हैं। यह जांच महंगी होने से मेडिकल कालेजों में नहीं होती है। सिर्फ लखनऊ केजीएमयू व पीजीआइ में इसकी सुविधा उपलब्ध हैं। 

पीसीटी बढऩे का मतलब सेकेंड्री इंफेक्शन

पीसीटी बढ़ा होने पर स्पष्ट है कि वायरस के संक्रमण के साथ ही फेफड़े में सेकेंड्री इंफेक्शन शुरू हो चुका है। इसलिए इलाज में जरा सी लापरवाही से बैक्टीरियल इंफेक्शन से फेफड़े तेजी से खराब हो जाएंगे। ऐसे मरीजों को तत्काल अ'छी एंटीबॉयोटिक दवाएं दी जाएं। चूक जानलेवा हो सकती है।

इन शहरों के केस पर अध्ययन

कानपुर के हैलट स्थित कोविड अस्पताल, इटावा, बांदा, कन्नौज, फर्रुखाबाद, जालौन, फतेहपुर व उन्नाव समेत दूसरे कई जिले।

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