रेमडेसिविर इंजेक्शन के खेल में एलएलआर अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ व फार्मासिस्ट पर संदेह, जांच रिपोर्ट का इंतजार

कानपुर में एलएलआर अस्पताल के न्यूरो साइंस सेंटर के कोविड आइसीयू में मुर्दों और डिस्चार्ज मरीजों के नाम से रेमडेसिविर इंजेक्शन इश्यू कराने के मामले में प्राचार्य ने कार्रवाई के संकेत दिए हैं। जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 08:48 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 08:48 AM (IST)
रेमडेसिविर इंजेक्शन के खेल में एलएलआर अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ व फार्मासिस्ट पर संदेह, जांच रिपोर्ट का इंतजार
मुर्दों और डिस्चार्ज मरीजों को रेमडेसिविर लगाने का मामला।

कानपुर, जेएनएन। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के लाला लाजपतराय (एलएलआर) अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की हेराफेरी करने में पैरामेडिकल स्टाफ (नर्सिंग और फार्मासिस्ट) भी संदेह के घेरे में हंै। प्राचार्य ने न्यूरो साइंस सेंटर में इंजेक्शन की इंडेंट बुक अपने कब्जे में ले ली है। इसकी हैंडराइङ्क्षटग का मिलान कराया जा रहा है। अभी तक पड़ताल में एक नर्सिंग स्टाफ और एक फार्मासिस्ट की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है।

एलएलआर अस्पताल से कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमितों के नाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन निकालने की शिकायत पर मेडिकल कालेज प्रशासन सतर्क हो गया है। मरीजों के अस्पताल से डिस्चार्ज होने और उनकी मौत के बाद बिना डाक्टर की सलाह पर इंजेक्शन का इंडेंट कैसे कराया गया, इसका पता लगाया जा रहा है। न्यूरो साइंस सेंटर के कोविड आइसीयू में कार्यरत पैरामेडिकल स्टाफ की भूमिका की भी जांच कराई जा रही है। न्यूरो साइंस सेंटर के कोविड हास्पिटल में तैनात नर्सिंग स्टाफ ने अपने मन से कैसे इंजेक्शन का इंटेड बनाया, अगर मरीज मर गया था, तो उसकी मौत के बाद इंडेंट कैसे बनाया गया। उस अवधि में ड्यूटी में कौन-कौन नर्सिग स्टाफ और फार्मासिस्ट लगाया गया। इन सब का पता लगाया जा रहा है। -प्रथम दृष्टया न्यूरो साइंस सेंटर में कार्यरत पैरामेडिकल स्टाफ पर संदेह है। उनकी भूमिका की जांच की जा रही है। रेमडेसिविर इंजेक्शन के इंडेंट में उनके हस्ताक्षर भी देखे गए हैं। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। -प्रो. आरबी कमल, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।

chat bot
आपका साथी