कानपुर के जीएसवीएम कॉलेज में खुलेगा इमरजेंसी मेडिसिन विभाग, मैनेजमेंट ने की 15 सीटों की मांग

एनएमसी के सेक्रेटरी डॉ. वत्स निजी कार्यक्रम में शामिल होने शहर आए थे। इस दौरान वह जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज आए। प्राचार्य प्रो. आरबी कमल एवं फैकल्टी के साथ बैठक की। इस पर उन्होंने शासन के माध्यम से प्रस्ताव भेजने के लिए कहा है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 07:40 AM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 09:50 AM (IST)
कानपुर के जीएसवीएम कॉलेज में खुलेगा इमरजेंसी मेडिसिन विभाग, मैनेजमेंट ने की 15 सीटों की मांग
कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल (जीएसवीएम कॉलेज) की सांकेतिक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में जल्द ही इमरजेंसी मेडिसिन विभाग खुलेगा। कॉलेज प्रशासन ने नए विभाग के लिए पीजी यानी एमडी की 15 सीटें मांगी हैं। ताकि हैलट इमरजेंसी में मरीजों का बेहतर इलाज प्रबंधन किया जा सके। कॉलेज प्रशासन ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से मिलने आए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के सेक्रेटरी जनरल डॉ. आरके वत्स के समक्ष नए विभाग एवं पीजी सीटों का प्रस्ताव रखा। इस पर उन्होंने शासन के माध्यम से प्रस्ताव भेजने के लिए कहा है।

एनएमसी के सेक्रेटरी डॉ. वत्स निजी कार्यक्रम में शामिल होने शहर आए थे। इस दौरान वह जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज आए। प्राचार्य प्रो. आरबी कमल एवं फैकल्टी के साथ बैठक की। इसमें न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष एवं इमरजेंसी के नोडल अफसर डॉ. मनीष ङ्क्षसह ने इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के गठन का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी मेडिसिन का गठन होना है, लेकिन इसके लिए फैकल्टी की समस्या आड़े आ रही है। नया कोर्स होने की शिक्षक भी नहीं हैं। बेहतर होता कि इस फिलहाल जनरल मेडिसिन विभाग की देखरेख में संचालित किया जाए। पांच साल की छूट के बाद शिक्षक तैयार होने पर समस्या खत्म हो जाएगी। इस पर उन्होंने प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। डॉ. मनीष ने डिप्लोमा एवं डिग्री कोर्स की समस्या भी उठाई। कहा, एनएमसी के गठन के बाद डिप्लोमा की वैधता खत्म हो रही है। ऐसे में डिप्लोमा को अपग्रेड करके डिग्री कोर्स का प्रावधान किया जाए, ताकि डिप्लोमा कोर्स करने वाले अपने को अपग्रेड कर सकें।

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