टैक्स चोरी कर चल रहा था 200 करोड़ का अवैध सुपाड़ी कारोबार, छापे में सामने आया गड़बड़झाला

डीजी जीएसटी इंटेलीजेंस की टीमों ने पकड़ा खेल, सिर्फ ई-वे बिल जेनरेट करने के लिए कर्मचारियों के नाम बना रखी थीं फर्म।

By AbhishekEdited By: Publish:Wed, 26 Dec 2018 02:28 PM (IST) Updated:Thu, 27 Dec 2018 10:56 AM (IST)
टैक्स चोरी कर चल रहा था 200 करोड़ का अवैध सुपाड़ी कारोबार, छापे में सामने आया गड़बड़झाला
टैक्स चोरी कर चल रहा था 200 करोड़ का अवैध सुपाड़ी कारोबार, छापे में सामने आया गड़बड़झाला
कानपुर, जागरण संवाददाता। महानिदेशक (डीजी) जीएसटी इंटेलीजेंस की टीमों ने सुपाड़ी के अवैध कारोबार के जरिए हो रहे टैक्स चोरी के खेल का भंडाफोड़ किया है। यह गोलमाल कर्मचारियों के नाम पर बनाई गई फर्मों के जरिए गुवाहाटी-कोलकाता से दिल्ली और कानपुर के बीच किया जा रहा था। इन चार शहरों में दस जगह हुई छापेमारी में अब तक 200 करोड़ रुपये का गड़बड़झाला सामने आया है। जांच की जा रही है कि सुपाड़ी कहां खपाई गई। अधिकारियों को आशंका है कि पान मसाला निर्माताओं को सुपाड़ी बेचकर टैक्स का चूना लगाया गया।
कुछ माह पहले वाणिज्य कर विभाग की टीम ने गोरखपुर में सुपाड़ी लदे दो ट्रक पकड़े थे। उस समय टैक्स तो वसूला, लेकिन आगे जांच नहीं की गई। बाद में डीजी जीएसटी इंटेलीजेंस कानपुर की टीम ने जांच शुरू की। अपर निदेशक दिनेश कुमार के निर्देश पर कानपुर के उपनिदेशक शलभ कटियार एवं उनकी टीम ने कोलकाता टीम के साथ मिलकर गुवाहाटी, कोलकाता, कानपुर और दिल्ली में छापे मारे। जांच में पता चला कि कोलकाता में इसी तरह की 20 फर्म कानपुर और दिल्ली में सुपाड़ी की आपूर्ति कर रही हैं। कारोबार कोलकाता की आदित्य कारपोरेशन, गुवाहाटी की मारुति ट्रेडर्स, कानपुर की बजरंग ट्रेडिंग, दिल्ली की अंकिता सेल्स, लखनऊ की बजरंग सेल्स समेत 20 फर्म में हो रहा था।
जांच में पता चला कि कोलकाता का मास्टरमाइंड कर्मचारियों के नाम पर चल रही इन फर्मों को संचालित कर रहा है। इन्हीं फर्म के जरिए बीते पांच माह में सवा सौ ट्रक सुपाड़ी दिल्ली, लखनऊ और कानपुर लाई गई लेकिन इसे कहां बेचा गया या कहां से खरीदा गया, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। जिन फर्म के नाम माल आया, उनकी जांच की गई तो पता चला कि वह छोटे से कमरे में संचालित हैं और कभी खुलती ही नहीं। कोलकाता में जिन लोगों ने माल भेजा था, उन्होंने पूछताछ में दस करोड़ की कर अपवंचना की बात स्वीकारी। अधिकारियों के मुताबिक सुपाड़ी पर पांच फीसद टैक्स होता है जबकि पान मसाला निर्माताओं को पान मसाले पर 88 फीसद कर देना होता है। इस हिसाब से बड़ी कर अपवंचना की गई।
सुगम आवागमन के लिए था खेल
कर्मचारियों के नाम पर बनी फर्मों से ई-वे बिल जेनरेट किए जा रहे थे ताकि माल लाते समय रास्ते में पकड़ा न जाए। 
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