पान मसाला कारोबार में सामने आया फर्जी आइटीसी का खेल, अलग अलग राज्यों में हैं नेटवर्किंग कारोबारी

जीएसटी अफसरों ने एक दर्जन राज्यों में तीन दर्जन से ज्यादा नेटवर्किंग कारोबारियों को चिह्नत किया है जो पान मासाला कारोबार में फर्जी आइटीसी का खेल कर रहे हैं। अब अफसर इन फर्जी फर्मों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहे हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 12:59 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 12:59 PM (IST)
पान मसाला कारोबार में सामने आया फर्जी आइटीसी का खेल, अलग अलग राज्यों में हैं नेटवर्किंग कारोबारी
जीएसटी अफसरों ने फर्जी आइटीसी मामले में सूची तैयार की है।

कानपुर, जेएनएन। पान मसाला कारोबार में फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पास करने वाले तीन दर्जन से ज्यादा कारोबारियों का नेटवर्क वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों की पकड़ में आया है। यह नेटवर्क एक दर्जन से ज्यादा राज्यों में फैला है। विभागीय अधिकारी अब इन सभी राज्यों से संपर्क कर इस नेटवर्क की पूरी सूची उन तक पहुंचाने की तैयारी में हैं।

पान मसाला कारोबार में खपाने के लिए कई तरीके से सुपारी लाई जाती है। इसमेें सुपारी पर इनपुट टैक्स क्रेडिट को पास करने के लिए बहुत से पान मसाला कारोबारी सुपारी तो सही इनवाइस पर लाते हैं क्योंकि उस पर पांच फीसद जीएसटी ही है। इस सुपारी को पान मसाला में कानपुर में ही खपा दिया जाता है, लेकिन कागजों पर यह सुपारी आगे किसी दूसरे राज्य में किसी कारोबारी को बेच दी जाती है। वहां से इसे आगे किसी और कारोबारी को बेच दी जाती है। ज्यादातर ऐसी फर्म या कंपनी अस्तित्वहीन होती हैं और सिर्फ कागजों में ये माल खरीदती और बेचती हैं। इसके बाद किसी स्तर पर इसे बहुत छोटी छोटी मात्रा में इसकी बिक्री दिखाकर आइटीसी का लाभ ले लिया जाता है। वहीं दूसरी ओर चोरी छिपे बिना इनवाइस के खरीदी गई सुपारी से बने पान मसाला को कारोबारी बिना इनवाइस के ही आगे भी बेच देते हैं। इससे पूरे माल पर कर अपवंचना का लाभ ले लेते हैं।

पिछले एक माह में सुपारी, पान मसाला के खिलाफ चले अभियान में अधिकारियों ने जब पकड़ी गई सुपारी से जुड़े कारोबारियों की खरीद-बिक्री का चार्ट बनाया तो पाया कि तीन दर्जन से ज्यादा कारोबारी एक दूसरे को ही माल बेच रहे हैं। इसमें कई बार सुपारी घूम कर उसी कारोबारी के पास पहुंच गई जिसने उसे बेचा था। वाणिज्य कर अधिकारियों को इसमें देश के पूर्वी राज्यों में असम, त्रिपुरा तो पश्चिमी राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों के कारोबारी भी मिले हैं। त्रिपुरा व असम से जहां देश के दूसरे हिस्सों में सुपारी जाती है, वहीं कई बार उत्तर प्रदेश, दिल्ली से वापस सुपारी उन्हें बेच दी गई। इस नेटवर्क के कारोबारियों ने असम, त्रिपुरा, मणिपुर, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों से जीएसटी पंजीयन लिया हुआ है।

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