GST News: आकर्षक पैकिंग अब काटेगी ग्राहकों की जेब, ढाई लाख कारोबारियों पर पड़ेगा असर

कारोबारियों का मानना है कि पैकेजिंग में जीएसटी में 12 से 18 फीसद की बढ़ोत्तरी उद्योग की पूंजी फंसाएगा और देश में 2.5 लाख तो कानपुर में 400 कारोबारी प्रभावित होंगे इसका सीधा असर ग्राहकों की जेब पर ही पड़ेगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 02:57 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 02:57 PM (IST)
GST News: आकर्षक पैकिंग अब काटेगी ग्राहकों की जेब, ढाई लाख कारोबारियों पर पड़ेगा असर
पैकेजिंग कारोबार पर बढ़े टैक्स का असर पड़ेगा।

कानपुर, जेएनएन। आज के दौर में ज्यादा से ज्यादा सामान पैकेजिंग के साथ ही बिकते हैं। वह चाहे जूते हों या रसोई के मसाले, शर्ट, कप-केतली का सेट, मोबाइल फोन या लैपटाप। कई बार तो पैकिंग जितनी अच्छी होती है, लोग उतना ही आकर्षित होकर सामान खरीदते हैं। अब इसी पैकेजिंग सेक्टर के कारोबारी निराशा जता रहे हैं। उनका मानना है कि जीएसटी की दर 12 फीसद से 18 फीसद किए जाने से उनका खर्च बढ़ जाएगा जो अंतिम रूप से उपभोक्ता पर भारी पड़ेगा। कारोबार की पूंजी फंसने से छोटे व्यापारी परेशान हो जाएंगे।

इस समय पूरे देश में करीब 2.5 लाख प्रिंटिंग व पैकेजिंग कारोबारी हैं। हालांकि कानपुर में इनकी संख्या 400 के करीब है। कोरोना काल में प्रिंटिंग कारोबार में मांग में कमी से पहले ही एक-चौथाई लोगों के कारोबार बंद होने के कगार पर हैं। अब टैक्स रेट बढऩे से उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें बढऩे के साथ कापी किताबों की कीमतों पर भी असर पड़ेगा। दूसरी ओर पैकेजिंग इंडस्ट्री में 12 से 18 फीसद टैक्स किए जाने से कारोबारियों को हर बार रिटर्न फाइल करते समय अपनी कार्यशील पूंजी में से रुपये टैक्स के रूप में जमा करने पड़ेंगे। इसका असर उनके कारोबार पर पड़ेगा क्योंकि हर बार रिटर्न फाइल करने के बाद उनकी पूंजी ब्लाक होती जाएगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि उनका ज्यादातर कच्चा माल 12 फीसद पर है और उनकी बिक्री 18 फीसद पर है।

-टैक्स बढऩे का असर उपभोक्ता पर पड़ेगा। एक तरफ कार्यशील पूंजी फंसेगी, वहीं कीमतें भी बढ़ेंगी। इसलिए 18 की जगह 12 फीसद टैक्स किया जाना चाहिए। -दिनेश बरासिया, महामंत्री कानपुर प्रेस ओनर्स एसोसिएशन

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