दो करोड़ रुपये सालाना बिक्री होने पर जीएसटी ऑडिट कराना जरूरी

जीएसटीएन पोर्टल के ठीक ढंग से काम न करने की बात आई सामने, वार्षिक रिटर्न के साथ प्रस्तुत करनी होगी ऑडिट रिपोर्ट।

By Edited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 01:44 AM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 02:20 PM (IST)
दो करोड़ रुपये सालाना बिक्री होने पर जीएसटी ऑडिट कराना जरूरी
दो करोड़ रुपये सालाना बिक्री होने पर जीएसटी ऑडिट कराना जरूरी
 कानपुर (जागरण संवाददाता)। चार्टर्ड अकाउंटेंट सोसायटी और टैक्स बार एसोसिएशन की ओर से 'जीएसटी एनुअल रिटर्न, रेकांसिलेशन, रिटर्न एंड ऑडिट' विषय पर आयोजित कार्यशाला में व्यापारियों और प्रैक्टिसनर्स ने तमाम बिंदुओं पर चर्चा की। कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे मर्चेट चैंबर के अध्यक्ष बीएम गर्ग ने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली में अभी भी जीएसटीएन पोर्टल ठीक ढंग से काम नहीं कर रहा है।
रिटर्न रिवाइज करने की सुविधा अभी तक नहीं दी गई है। इस दौरान वार्षिक रिटर्न, वार्षिक समाधान विवरण और जीएसटी ऑडिट के बारे में पॉवर प्वाइंट से जानकारी दी गई। सीए हिमाशु सिंह ने जीएसटी वार्षिक रिटर्न फॉर्म नम्बर 9 के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 का फार्म 31 दिसंबर 2018 तक ऑनलाइन अपलोड कर दाखिल किया जाना है। इस रिटर्न में सभी प्रकार की बिक्री, खरीद, सेवा प्राप्त करने तथा सेवा प्रदान करने सम्बन्धी आंकड़े समाहित किये जायेंगे।
पोर्टल में रिटर्न फाइल करते समय डाटा को वर्गीकरण के हिसाब से अपलोड करना होगा। आयात-निर्यात में आंकड़े भी प्रस्तुत किये जाएंगे। सीए आशीष बंसल ने फार्म 9 सी की अनिवार्यता की जानकारी दी। सीए धर्मेन्द्र श्रीवास्तव ने जीएसटी ऑडिट के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि दो करोड़ रुपये सालाना विक्रय होने पर जीएसटी ऑडिट करानी होगी और वार्षिक रिटर्न के साथ इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। यदि कोई रिफंड गलत जारी हो गया है तो उसका विवरण देना होगा।
संचालन जीएसटी कमेटी के चेयरमैन संतोष कुमार गुप्ता ने किया। कार्यशाला में कानपुर इनकम टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविन्द कृष्णा, कानपुर चार्टर्ड एकाउंटेंट सोसाइटी के अध्यक्ष महेंद्र नाथ, सचिव अमित पाण्डेय, मर्चेंट्स चैम्बर के सचिव महेन्द्र नाथ मोदी, इनकम टैक्स बार के सचिव अवधेश मिश्रा, सुनील त्रिवेदी आदि मौजूद रहे।
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