Good Panchayat In Kanpur: बालेंद्र ने बदल दी बरहट बांगर की तस्वीर, महिलाओं को बनाया स्वावलंबी

कल्याणपुर के बरहट बांगर के प्रधान बालेंद्र ने सड़कों को बेहतर किया और गलियां भी रोशन कीं। गांव में स्वयं सहायता समूह बनवाकर गांव की महिलाओं को रोजगार दिलाकर उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया है। गांव के पंचायत घर को हाईटेक बना डाला।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 12:57 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 12:57 PM (IST)
Good Panchayat In Kanpur: बालेंद्र ने बदल दी बरहट बांगर की तस्वीर, महिलाओं को बनाया स्वावलंबी
कानपुर का बरहट बांगर गांव बन गया नजीर।

कानपुर, जेएनएन। कल्याणपुर ब्लाक के बरहट बांगर टिक्का पुरवा गांव का प्रधान बनकर बालेंद्र ङ्क्षसह उर्फ दीपू ने गांव में विकास का पहिया ऐसा चलाया कि पूरे गांव की तस्वीर ही बदल गई। गांव का चहुंमुखी विकास किया तो मुख्यमंत्री ने भी इस ग्राम पंचायत को पुरस्कार दिया और विकास के लिए अलग से धनराशि भी आवंटित की। आज गांव की सड़कें, खेतों के चकरोड बनने के साथ ही गलियां भी स्ट्रीट लाइट से रोशन हैं।

बालेंद्र सिंह जब गांव के प्रधान बने तो उस समय यहां तमाम समस्याएं थीं। इन समस्याओं से ही गांव को उबारने के लिए उन्होंने पंचायत निधि और जनप्रतिनिधियों की मदद से गांव का समग्र विकास किया। अब प्रत्येक मजरे की हर गली में सड़क बन गई है। पहले गलियों में जलभराव और कीचड़ रहता था और इसी कीचड़ से गुजरना लोगों की मजबूरी होती थी। इसी तरह प्रत्येक खंभे पर स्ट्रीट लाइट लगाकर हर गली को रोशन कर दिया गया है। गांव की तस्वीर शहर जैसी हो गई है। गांव के बाहर प्रतीक्षालय का निर्माण कराया गया है। मनरेगा के तहत बड़े पैमाने पर जॉबकार्ड धारकों को रोजगार दिया। उन्हें प्रधानमंत्री से मिलने का मौका भी मिला और मनरेगा से काम देने पर शाबाशी भी मिली। 2019 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन लाख रुपये देकर सम्मानित किया। प्रधान ने उस राशि से गांव के पंचायत घर को हाईटेक बना डाला। पंचायत घर में वाईफाई की सुविधा से युक्त जनसेवा केंद्र भी स्थापित किया। यहां के हर घर में शौचालय स्थापित हैं। 'बहू बेटियां दूर न जाएं, घर में शौचालय बनवाएंÓ का नारा इस गांव में खूब गूंजा। यहां स्वच्छता को लेकर प्रधान ही नहीं, ग्रामीण भी जागरूक हैं। महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए यहां स्वयं सहायता समूहों का गठन करने के साथ ही उन्हें रोजगार से भी जोड़ा।

ग्रामीणों की जुबानी, गांव के विकास की कहानी

हमारे गांव में शहर जैसी सुविधाएं है। पूरे गांव में स्ट्रीट लाइट लगी है। सड़कें भी बन गई हैं। जनसुविधा केंद्र भी है। -अंकित पाल

गांव में वर्षों से बंद चकरोड खोले गए हैं। इससे कोई भी किसान अपने खेत में खाद बीज आसानी ले जा सकता है। -रामचन्द्र मिश्रा

पूरे गांव में नाली बनी है और खड़ंजा भी बिछा हुआ है। गांव में सफाई रहने के साथ ही गलियों में उजाला रहता है। -बाबूलाल पाल

गांव में सड़क के किनारे प्रतीक्षालय बनाए गए हैं। लोग बारिश में वहां रुक जाते हैं। गांव का समग्र विकास हुआ है। -सर्वेश कुशवाहा गांव का विकास समग्र रूप से किया गया है। स्ट्रीट लाइटें भी पोल पर लगी हुई हैं। ग्राम पंचायत भवन को वाईफाई से कनेक्ट किया गया है। जन सेवा केंद्र बनाया गया है, जिससे ग्रामीणों को ऑनलाइन आवेदन के लिए दूर नहीं जाना पड़ता। - बालेंद्र सिंह, निर्वतमान ग्राम प्रधान

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